जयपुर न्यूज डेस्क: राजस्थान सरकार ने गांवों की सार्वजनिक जमीन, खासकर चरागाह और तालाबों पर हो रहे अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है। पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने साफ कर दिया है कि गांवों की जमीन अब किसी भी हाल में अतिक्रमणकारियों के कब्जे में नहीं रहेगी। इसके लिए सभी ग्राम पंचायतों में चरागाह समितियों को फिर से सक्रिय करने और अवैध कब्जे हटाने का आदेश दिया गया है।
नई व्यवस्था के तहत हर पंचायत में पांच सदस्यीय चरागाह समिति बनेगी, जिसकी अध्यक्षता वार्ड पंच करेंगे। यह समिति चरागाह की निगरानी और अतिक्रमण हटाने के काम में जुटेगी। वहीं, जिला स्तर पर पहले से बनी समितियों को भी एक्टिव किया जाएगा, जिसकी निगरानी जिला प्रमुख करेंगे। इसके अलावा, जिला परिषद और तहसील प्रशासन को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पंचायतों को निर्देश दिए गए हैं कि हर साल जनवरी और जुलाई में सार्वजनिक जमीन का सर्वे कर अतिक्रमण का ब्यौरा दर्ज करें। तीन पंचों की टीम इसकी रिपोर्ट बनाएगी और ग्राम विकास अधिकारी उसे रिकॉर्ड में दर्ज करेगा। किसी भी अतिक्रमण की जानकारी मिलते ही सरपंच तुरंत निर्माण रोक सकेंगे, नोटिस जारी कर बेदखली की कार्रवाई होगी और जरूरत पड़ने पर पुलिस का सहयोग लिया जाएगा।
सरकार ने साफ कर दिया है कि चरागाह और तालाबों की जमीन ग्रामीणों की धरोहर है और इस पर कब्जा अब किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगा। जीरो टॉलरेंस नीति के तहत प्रदेश में सख्ती से कार्रवाई की जाएगी और कब्जाधारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।