जयपुर, 23 जुलाई 2025। देशभर में डिजिटल शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा महत्त्वपूर्ण पहल की गई है। डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मोदी सरकार की ओर से सरकारी विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज लगाने के साथ—साथ आईसीटी प्रयोगशालाएं संचालित की जा रही है। केंद्र सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2024—25 में देश के 29 राज्यों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में 3564 आईसीटी प्रयोगशाला और 3655 स्मार्ट कक्षाएं स्थापित करने के लिए 28 हजार 841 लाख रूपए की राशि आवंटित की है। इसके साथ ही माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विषय विशिष्ठ प्रयोगशालाओं को शुरू करने के लिए समग्र शिक्षा के तहत 5989 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई। राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सदन में यह जानकारी दी।
राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से समग्र शिक्षा के तहत सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में आईसीटी प्रयोगशालाएं तथा स्मार्ट कक्षाओं की स्थापना करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। आईसीटी लैब के लिए पांच वर्ष की अवधि के लिए प्रति विद्यालय 6.40 लाख रुपए तक का अनुदान और प्रतिवर्ष 2.40 लाख का आवर्ती अनुदान प्रदान किया जाता है। स्मार्ट क्लासेज में इंटरनेट सुविधा मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकारों की ओर से बीएसएनएल के साथ अनुबंध करने और इंटरनेट शुल्क समग्र शिक्षा के तहत जारी अनुदान में से स्वीकृत करने का प्रावधान किया गया है। भारत सरकार ने बजट 2025 में सुदूर क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारतनेट परियोजना के तहत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के प्रावधान तक की घोषणा की है। राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय की ओर से आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत पीएम ई—विद्या योजना शुरू की है। पीएम—ई—विद्या के तहत डिजिटल साक्षरता को बढ़ाने की दिशा में 'दीक्षा' (डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फार नॉलेज शेयरिंग) का डिजिटल मंच भी तैयार किया गया है।