953 खिड़कियों का वो महल जो गर्मियों में देता है सर्दियों का एहसास, शहर में घुसते ही सबसे पहले यही दिखता है, वीडियो देख खुद करें फैसला

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Posted On:Friday, October 25, 2024

अगर आप घूमने के शौकीन हैं और किसी ऐसी जगह पर जाना चाहते हैं जहां आपका मन घूम जाए और आप यह सोचने पर मजबूर हो जाएं कि इसका निर्माण कैसे हुआ, तो इसके पीछे की कहानी क्या है? तो आज हम आपको वास्तुकला का वह नमूना बताने जा रहे हैं, जो पूरी दुनिया में पर्यटन का केंद्र बन चुका है और एक पहेली भी बना हुआ है। जी हां, हम बात कर रहे हैं जयपुर में स्थित हवा महल की। अगर आप कुछ अलग देखना चाहते हैं तो जयपुर के हवा महल जाएं। आइए जानते हैं जयपुर के हवा महल की कहानी।

हवा महल का इतिहास

आपको बता दें कि हवा महल का निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में पूरा कराया था। इस महल के मुख्य वास्तुकार लाल चंद उस्ताद थे, जिन्होंने इस महल का पूरा नक्शा तैयार किया था। यह महल हिंदू भगवान कृष्ण के मुकुट के रूप में बनाया गया था। चूँकि सवाई प्रताप सिंह कृष्ण भक्त थे और सवाई प्रताप सिंह महाराजा सवाई जय सिंह के पोते भी थे, इसलिए हवा महल का आकार मधुमक्खी के छत्ते जैसा है। हवा महल के अंदर जाने के लिए कोई प्रवेश द्वार नहीं है। ऊपरी मंजिल तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां नहीं दी गई हैं।

हवा महल अपनी गुलाबी खिड़कियों के लिए प्रसिद्ध है

Hawa Mahal is perfect example of an ancient architectural marvel
हवा महल अपनी गुलाबी खिड़कियों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। इस महल की खूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। दूर से देखने पर यह महल भगवान कृष्ण के मुकुट जैसा दिखता है। इस महल की संरचना, वास्तुकला और डिजाइन को आप एक बार देख लेंगे तो बार-बार देखते रहेंगे। अगर इसकी अन्य खासियतों की बात करें तो हवा महल पांच मंजिला है और 87 डिग्री के कोण पर झुका हुआ है।

पूरे महल में 953 खिलाड़ी हैं

Inside Hawa Mahal, Jaipur | Full HD | No Editing | Part 1
हवा महल में कुल 953 खिड़कियाँ हैं। ये खिड़कियाँ पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण हैं। हवा महल की ये खिड़कियाँ शाही महिलाओं के लिए बनाई गई थीं। ताकि आप नीचे सड़क पर होने वाले दैनिक नाटक और नृत्य को देख सकें। आज के समय की बात करें तो ये खिड़कियां अब गर्मियों के मौसम में पर्यटकों को ठंडक और आनंद का एहसास कराती हैं।

मेहराबों का निर्माण इस्लामी शैली में किया गया था

Hawa Mahal: How India's stunning 'palace of winds' was ahead of its time |  CNN
आपको बता दें कि पुराने जमाने में शाही महिलाएं इन खिड़कियों से शहर का खूबसूरत नजारा देखा करती थीं। इस महल की मेहराबें इस्लामिक शैली पर बनी हैं। वहीं, बांसुरीदार स्तंभ राजपूत शैली में बनाए गए हैं। बता दें कि हवा महल का नाम इसकी पांचवीं मंजिल के नाम पर रखा गया है। हवा महल के अंदर तीन मंदिर हैं। इनके नाम हैं गोवर्धन कृष्ण मंदिर, प्रकाश मंदिर और हवा मंदिर।

हवा महल कैसे पहुंचे

Hawa Mahal – "Palace of Winds" Jaipur, India
अगर आप हवा महल जाना चाहते हैं तो सड़क और हवाई दोनों मार्गों से जा सकते हैं। फ्लाइट से आप दिल्ली से जयपुर फ्लाइट से 2 घंटे में पहुंच सकते हैं, फिर वहां से लोकल टैक्सी कैब से हवा महल पहुंच सकते हैं। वहीं, अगर आप अपनी कार या बाइक से जाना चाहते हैं तो महज 6 से 7 घंटे में आसानी से पहुंच सकते हैं।


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