मुंबई, 05 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जम्मू-कश्मीर को दोबारा पूर्ण राज्य का दर्जा देने की चर्चाएं एक बार फिर तेज हो गई हैं। इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में 8 अगस्त को सुनवाई होनी है। यह याचिका जम्मू-कश्मीर के प्रोफेसर जहूर अहमद भट्ट और सामाजिक कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक ने दाखिल की है। याचिका में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि वह एक निर्धारित समय सीमा के भीतर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश दे। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि राज्य में पंचायत और नगर निकाय चुनाव संपन्न हो चुके हैं और मौजूदा सुरक्षा एवं प्रशासनिक हालात राज्य का दर्जा बहाल करने के अनुकूल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लंबे समय तक राज्य का दर्जा न बहाल करना नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
यह पूरा मामला 5 अगस्त 2019 के बाद शुरू हुआ जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य के दर्जे से वंचित कर दिया और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित कर दिया। इसके बाद इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को वैध ठहराया था। उस दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह आश्वासन दिया था कि केंद्र जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देगा, हालांकि अदालत ने इसके लिए कोई समयसीमा तय नहीं की थी। हाल के दिनों में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए कुछ निर्णयों और नेताओं की हलचलों के बाद इस मुद्दे को लेकर अटकलें और तेज हो गई हैं। बीते चार दिनों से यह चर्चा जोरों पर रही कि सरकार इस संबंध में जल्द ही कोई बड़ा ऐलान कर सकती है।
इसी बीच सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बयान दिया कि उनकी समझ के अनुसार 5 अगस्त को न तो कुछ बुरा होगा और न ही कोई खास फैसला आएगा। उनका यह बयान उन अटकलों के बीच आया है जिनमें कहा जा रहा था कि केंद्र सरकार राज्य के दर्जे पर कोई अहम घोषणा कर सकती है। बीते दिनों कश्मीर से जुड़ी कई बड़ी गतिविधियां सामने आईं। 1 अगस्त को उमर अब्दुल्ला गुजरात के केवड़िया में साबरमती रिवरफ्रंट पर दौड़ लगाते नजर आए, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की गईं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की। 2 अगस्त को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने खराब मौसम का हवाला देते हुए अमरनाथ यात्रा को अचानक रोक दिया। 3 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। वहीं 4 अगस्त को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीरी नेताओं से मुलाकात की और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव गोविंद मोहन और खुफिया प्रमुख तपन कुमार डेका के साथ उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की। इन तमाम घटनाक्रमों के बीच अब सभी की नजर 8 अगस्त पर टिकी है, जब सुप्रीम कोर्ट इस अहम याचिका पर सुनवाई करेगा।