मेलोनी की इटली के एक गांव में चमत्कार, 30 साल बाद गूंजी किलकारियां

Photo Source :

Posted On:Saturday, December 27, 2025

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के लिए जनसंख्या संकट एक बड़ी राष्ट्रीय चुनौती बना हुआ है। इस बीच, इटली के अब्रूज़ो (Abruzzo) क्षेत्र से एक ऐसी खबर आई जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। पहाड़ों की गोद में बसे एक छोटे से गाँव पाग्लियारा देई मार्सी (Pagliara dei Marsi) में लगभग तीन दशकों के लंबे सन्नाटे के बाद किसी बच्चे का जन्म हुआ है। लारा बुस्सी त्राबूक्को नाम की इस नन्हीं बच्ची ने न केवल एक परिवार को, बल्कि एक मरते हुए गाँव को नई उम्मीद दी है।

इंसानों से ज्यादा बिल्लियां और वीरान गलियां

पाग्लियारा देई मार्सी की स्थिति ऐसी हो चुकी थी कि वहां की पथरीली गलियों में इंसानों की चहल-पहल खत्म हो चुकी थी। खंडहर होते घर और वीरान रास्ते अब बिल्लियों का बसेरा बन चुके थे। यहाँ की आबादी लगातार घटते हुए मात्र 19 रह गई थी। लारा के जन्म के साथ ही अब यहाँ कुल 20 निवासी हो गए हैं। मार्च 2025 में जब लारा का जन्म हुआ, तो पूरे गाँव ने इसे एक उत्सव की तरह मनाया। गाँव के चर्च में हुए उसके नामकरण संस्कार में लगभग हर निवासी शामिल हुआ, क्योंकि यह उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था।

इटली का गहराता 'जनसंख्या संकट'

लारा का जन्म एक सुखद खबर जरूर है, लेकिन यह इटली की कड़वी हकीकत को भी बयां करता है। इटली वर्तमान में 'डेमोग्राफिक विंटर' (जनसांख्यिकीय शीतकाल) के दौर से गुजर रहा है:

  • रिकॉर्ड गिरावट: 2024 में देश की जन्म दर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई, जहाँ पूरे वर्ष में केवल 3.7 लाख बच्चे पैदा हुए।

  • प्रजनन दर: यहाँ प्रजनन दर 1.18 है, जो किसी भी समाज की आबादी को स्थिर रखने के लिए आवश्यक 2.1 की दर से बहुत कम है।

  • 2025 की चुनौती: अब्रूज़ो जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में 2025 के शुरुआती महीनों में जन्म दर में 10% से ज्यादा की गिरावट देखी गई है, जो यह दर्शाता है कि संकट और गहरा हो रहा है।

गाँव खाली होने का असली कारण

पाग्लियारा देई मार्सी की कहानी इटली के हजारों 'घोस्ट टाउन्स' (भूतिया गाँवों) की कहानी है। यहाँ की समस्या केवल पैसा नहीं, बल्कि सिस्टम की कमी है:

  1. बुजुर्ग होती आबादी: गांवों में केवल बुजुर्ग बचे हैं, जबकि युवा बेहतर अवसरों की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर चुके हैं।

  2. बुनियादी ढांचे का अभाव: स्कूलों का बंद होना, शिक्षकों की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं का दूर होना नए परिवारों को बसने से रोकता है।

  3. वर्किंग मदर्स की चुनौती: इटली में चाइल्डकेयर और नर्सरी सिस्टम बहुत महंगा और दुर्लभ है। कामकाजी महिलाओं के लिए करियर और बच्चों के बीच चुनाव करना एक बड़ी मजबूरी बन गया है।

क्या लारा का जन्म बदलाव लाएगा?

लारा के माता-पिता ने शांति की तलाश में शहर छोड़कर इस गाँव में बसने का फैसला किया। उन्हें सरकारी बेबी बोनस और मंथली चाइल्ड सपोर्ट भी मिला, लेकिन गाँव को पुनर्जीवित करने के लिए यह काफी नहीं है। मेयर और स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि लारा के आने से अन्य युवा परिवार भी इन शांत वादियों की ओर आकर्षित होंगे।

निष्कर्ष

पाग्लियारा देई मार्सी में 30 साल बाद हुई यह सुखद घटना एक तरफ तो खुशियां लेकर आई है, लेकिन दूसरी तरफ इटली की सरकार को सचेत भी करती है। यदि बुनियादी ढांचे और सामाजिक सुरक्षा में सुधार नहीं किया गया, तो इटली के ये खूबसूरत गाँव केवल इतिहास के पन्नों और बिल्लियों के बसेरों तक सीमित रह जाएंगे। लारा केवल एक बच्ची नहीं, बल्कि उस संघर्ष का प्रतीक है जो इटली अपनी पहचान और अस्तित्व को बचाने के लिए कर रहा है।


जयपुर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Jaipurvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.