'अगर नेतन्याहू नहीं होते तो इजरायल शायद नक्शे पर भी न होता', जानें क्यों इजरायली प्रधानमंत्री को लेकर ट्रंप ने कही ये बात

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Posted On:Tuesday, December 30, 2025

मध्य पूर्व के तनावपूर्ण हालातों के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फ्लोरिडा के मार-ए-लागो रिसॉर्ट में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। साल 2025 के अंत में हुई यह बैठक अंतरराष्ट्रीय राजनीति के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसका प्राथमिक उद्देश्य गाजा युद्धविराम योजना के 'दूसरे चरण' (Phase 2) की पेचीदगियों को सुलझाना और एक ठोस नतीजे पर पहुँचना है।

ट्रंप ने की नेतन्याहू की तारीफ: "अस्तित्व बचाने वाले प्रधानमंत्री"

मुलाकात के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने नेतन्याहू के नेतृत्व की खुलकर प्रशंसा की। ट्रंप ने उन्हें एक 'सफल वॉरटाइम प्रधानमंत्री' करार देते हुए कहा कि नेतन्याहू ने इजरायल को उसके सबसे कठिन और दर्दनाक दौर से बाहर निकाला है। ट्रंप ने यहाँ तक कहा, "अगर इस संकट के समय इजरायल के पास सही नेतृत्व नहीं होता, तो शायद आज देश का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाता।" ट्रंप के इस बयान को नेतन्याहू के लिए बड़े राजनीतिक समर्थन के रूप में देखा जा रहा है।

गाजा युद्धविराम: हमास के सामने कड़ी शर्त

शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए ट्रंप ने एक स्पष्ट और कड़ी शर्त रखी है। उन्होंने कहा कि युद्धविराम के दूसरे चरण में प्रवेश करने से पहले हमास को पूरी तरह से हथियार डालने होंगे। इजरायली प्रवक्ता शोश बेड्रोसियन के अनुसार, नेतन्याहू का पूरा ध्यान गाजा के 'विसैन्यीकरण' (Demilitarization) पर है। वे चाहते हैं कि भविष्य में गाजा से इजरायल की सुरक्षा को कोई खतरा न रहे। हालांकि, हमास के सशस्त्र विंग इज्जेदीन अल कस्साम ब्रिगेड्स ने हथियार डालने से साफ इनकार कर दिया है, जिससे गतिरोध बना हुआ है।

ईरान और परमाणु कार्यक्रम का मुद्दा

नेतन्याहू इस बैठक में न केवल गाजा, बल्कि पूरे मध्य पूर्व की अस्थिरता की जड़ के रूप में ईरान के मुद्दे को प्राथमिकता दे रहे हैं। माना जा रहा है कि उन्होंने ट्रंप से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए और अधिक सख्त सैन्य कार्रवाई या प्रतिबंधों की मांग की है। नेतन्याहू का तर्क है कि ईरान का बढ़ता प्रभाव न केवल इजरायल बल्कि अमेरिका के राष्ट्रीय हितों के लिए भी बड़ी चुनौती है।

ट्रंप का 'जनवरी प्लान'

सूत्रों के हवाले से खबर है कि डोनाल्ड ट्रंप जनवरी 2026 में गाजा को लेकर एक बड़ा ऐलान कर सकते हैं। इस योजना में दो मुख्य बिंदु शामिल हो सकते हैं:

  1. फिलिस्तीनी तकनीकी सरकार: गाजा के प्रशासनिक कार्यों के लिए एक गैर-राजनीतिक तकनीकी सरकार का गठन।

  2. अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (ISF): गाजा में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय बलों की तैनाती।

कूटनीतिक मुलाकातों का दौर

ट्रंप से मिलने से पहले नेतन्याहू ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ से भी गहन चर्चा की। यह मुलाकातें दर्शाती हैं कि इजरायल भावी अमेरिकी प्रशासन के साथ रक्षा और विदेश नीति के तालमेल को पहले ही मजबूत कर लेना चाहता है।

पाम बीच पर हो रही यह गतिविधियाँ वैश्विक राजनीति का केंद्र बनी हुई हैं। इससे ठीक एक दिन पहले ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मुलाकात की थी, जो यह संकेत देता है कि ट्रंप वैश्विक संघर्षों को सुलझाने में अपनी भूमिका बढ़ा रहे हैं।


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