भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण प्रेस ब्रीफिंग के दौरान वैश्विक स्तर पर भारतीयों से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, अमेरिका में वीजा संबंधी कठिनाइयों, ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षा खतरों और कनाडा में भारतीय छात्र की दुखद मृत्यु जैसे विषयों पर भारत सरकार की चिंताओं को प्रमुखता से साझा किया।
1. बांग्लादेश: अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गहरी चिंता
बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ जारी हिंसा भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है। हाल ही में एक हिंदू युवक की नृशंस हत्या की कड़ी निंदा करते हुए जायसवाल ने कहा, "बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वह चिंताजनक है।" भारत ने मांग की है कि इस अपराध के दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाए।
भारत ने स्पष्ट किया कि वह बांग्लादेश में शांति, स्थिरता और एक स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा समावेशी चुनावी प्रक्रिया का पक्षधर है। भारत की प्राथमिकता पड़ोसी देश के साथ मजबूत जन-केंद्रित संबंध बनाए रखना है, लेकिन इसके लिए अल्पसंख्यकों की सुरक्षा अनिवार्य शर्त है।
2. अमेरिका: H1B वीजा अपॉइंटमेंट का संकट
अमेरिका में रह रहे भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों के लिए H1B वीजा अपॉइंटमेंट में हो रही देरी एक गंभीर मानवीय मुद्दा बन गई है। प्रवक्ता ने स्वीकार किया कि सरकार को नागरिकों से बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं।
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पारिवारिक अलगाव: वीजा रीशेड्यूल न हो पाने के कारण कई परिवार लंबे समय से अलग हैं और बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।
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राजनयिक प्रयास: हालांकि वीजा प्रक्रिया किसी भी देश का संप्रभु अधिकार है, फिर भी भारत सरकार अमेरिकी अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से चर्चा कर रही है ताकि इन प्रशासनिक बाधाओं को दूर किया जा सके और भारतीय नागरिकों की दिक्कतों को कम किया जा सके।
3. ऑस्ट्रेलिया: बोंडी बीच हमला और भगोड़ों पर कार्रवाई
ऑस्ट्रेलिया के बोंडी बीच पर हुए हालिया हमले और उसमें शामिल संदिग्धों के बारे में पूछे जाने पर मंत्रालय ने कहा कि वे विदेशी सुरक्षा एजेंसियों के साथ निरंतर संपर्क में हैं। भारत सरकार का लक्ष्य स्पष्ट है: "कानून की नजर में भगोड़े और वांटेड अपराधियों को भारत वापस लाना।" जायसवाल ने कहा कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में कई कानूनी पेचीदगियां होती हैं, लेकिन सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि इन अपराधियों को भारतीय अदालतों के सामने पेश किया जाए।
4. कनाडा: भारतीय छात्र की मौत पर शोक
कनाडा में एक भारतीय छात्र की हालिया मृत्यु पर विदेश मंत्रालय ने गहरा दुख व्यक्त किया है। मंत्रालय के अनुसार, भारतीय दूतावास पीड़ित परिवार के निरंतर संपर्क में है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। स्थानीय अधिकारियों से मौत के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए बातचीत जारी है। कनाडा में भारतीय छात्रों की बढ़ती सुरक्षा चिंताएं एक बार फिर इस घटना के बाद चर्चा में आ गई हैं।
निष्कर्ष
विदेश मंत्रालय की यह ब्रीफिंग दर्शाती है कि भारत वैश्विक मंच पर अपने नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए कितना मुस्तैद है। चाहे वह पड़ोस में मानवाधिकारों का मुद्दा हो या पश्चिम में प्रशासनिक चुनौतियां, भारत सरकार 'सॉफ्ट पावर' और 'प्रोएक्टिव डिप्लोमेसी' के जरिए समाधान निकालने की कोशिश कर रही है।