भारतीय टी20 टीम के कप्तान और 'मिस्टर 360 डिग्री' के नाम से मशहूर सूर्यकुमार यादव ने साल 2025 का अंत आध्यात्मिक शांति के साथ किया। मंगलवार, 30 दिसंबर को वैकुंठ एकादशी के पावन अवसर पर सूर्या अपनी पत्नी देविशा शेट्टी के साथ आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर पहुंचे। खराब फॉर्म और आलोचनाओं के बीच, कप्तान की यह मंदिर यात्रा उनके मानसिक संकल्प और अटूट विश्वास को दर्शाती है।
मंदिर में भव्य स्वागत और प्रशंसकों का उत्साह
तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए पहुंचे सूर्यकुमार यादव का मंदिर प्रशासन ने गर्मजोशी से स्वागत किया। पारंपरिक वेशभूषा में सजे सूर्या ने गुलाबी रंग का कुर्ता पहना था, वहीं उनकी पत्नी देविशा पीली साड़ी में बेहद शालीन नजर आईं। मंदिर प्रबंधन ने क्रिकेटर को रेशमी शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और विशेष प्रसादम भेंट किया।
जैसे ही प्रशंसकों को सूर्या की मौजूदगी की खबर मिली, मंदिर परिसर के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। अपने व्यवहार के लिए जाने जाने वाले सूर्यकुमार ने किसी को निराश नहीं किया। उन्होंने चलते-फिरते प्रशंसकों के साथ सेल्फी खिंचवाई और कुछ देर रुककर यह सुनिश्चित किया कि सुरक्षा व्यवस्था में किसी को असुविधा न हो। इससे पहले साल 2023 में भी सूर्या ने यहाँ मत्था टेका था, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थीं।
करियर का कठिन दौर: आलोचनाओं के बीच संघर्ष
सूर्यकुमार यादव का क्रिकेट करियर इस समय एक चुनौतीपूर्ण मोड़ पर है। साल 2025 उनके लिए उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा:
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एशिया कप: मिडिल ऑर्डर में वह रन बनाने के लिए संघर्ष करते दिखे, जिसके कारण उन्हें कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी।
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साउथ अफ्रीका सीरीज: हालिया टी20 सीरीज में भी उनके बल्ले से बड़ी पारी नहीं निकली, जो टीम इंडिया के लिए चिंता का विषय बनी रही।
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न्यूजीलैंड सीरीज: न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी सीरीज और अगले साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के मद्देनजर जब शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों पर चर्चा हुई, तो सूर्या की फॉर्म को भी मुख्यधारा के मीडिया और विशेषज्ञों ने मुद्दा बनाया।
"रन नहीं आ रहे, पर फॉर्म खराब नहीं": सूर्या का संकल्प
अपनी बल्लेबाजी और फॉर्म को लेकर उठ रहे सवालों पर सूर्यकुमार यादव ने बेहद परिपक्वता से जवाब दिया है। उन्होंने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था, "मैं नेट्स में गेंद को अच्छी तरह से मिडिल कर रहा हूँ। कई बार ऐसा होता है कि आप अच्छी बल्लेबाजी कर रहे होते हैं लेकिन वह रन में तब्दील नहीं हो पाती। मेरी फॉर्म खराब नहीं है, बस रनों का सूखा है।"
उन्होंने प्रशंसकों को आश्वस्त किया कि वह अपनी तकनीक और मानसिक स्थिति पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं। श्रीवारी के दरबार में हाजिरी लगाना इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि वह नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ मैदान पर वापसी कर सकें।
आगामी चुनौतियां
भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर सूर्या के कंधों पर दोहरी जिम्मेदारी है। उन्हें न केवल खुद रन बनाने हैं, बल्कि टी20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए एक मजबूत और आक्रामक टीम भी तैयार करनी है। तिरुपति में ली गई यह आध्यात्मिक शरण उन्हें आने वाले कठिन दौर के लिए मानसिक मजबूती प्रदान करेगी।