राजस्थान के अनूपगढ़ जिले में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सभा के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया. ये देखकर वसुंधरा राजे भी हैरान रह गईं. घड़साना में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद जैसे ही वसुंधरा राजे लौटने लगीं, तभी एक किसान उनके पास आया और रोने लगा। बाद में वसुंधरा ने किसान की बात सुनी और उन्हें आश्वस्त किया कि समस्या का समाधान किया जाएगा. तब जाकर किसान शांत हुए।
आखिर क्यों वसुंधरा के पास फूट-फूट कर रोने लगे किसान?
दरअसल, रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे घड़साना में चुनावी सभा को संबोधित कर लौट रही थीं. इसी बीच अचानक एक किसान मंच के पास पहुंचा और रोने लगा. इस पर वसुंधरा राजे ने उस किसान से संपर्क किया. वसुन्धरा ने किसान से उसका नाम पूछा और रोने का कारण जानना चाहा तो किसान ने अपना नाम महावीर बताया. उन्होंने बताया कि उनके पास 9 बीघे जमीन है. पहले उन्हें सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल जाता था। लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद मात्र दो बीघे जमीन को ही सिंचाई के लिए पानी दिया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने तीन केस जीते। लेकिन फिर भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ. किसान ने बताया कि उन्हें सिंचाई और पीने के पानी के लिए 3 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.
अधिकारी किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है
किसान ने बताया कि उसने स्कूल को एक बीघे जमीन दान में दी है. जहां पौधे रोपे गए। लेकिन पानी के अभाव में वह भी सूख गया है. पानी की कमी के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने तीन बार केस लड़ा और जीत हासिल की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है. इतना कहते ही किसान वसुन्धरा राजा के सामने रोने लगी। इस पर वसुन्धरा ने उसे पकड़ लिया.
पूर्व मंत्री को समस्या के समाधान का निर्देश दिया गया
पानी की कमी से परेशान किसान वसुन्धरा ने राजा के सामने रुककर अपनी व्यथा सुनाई। इस पर वसुंधरा राजे ने किसान को चुप कराया और पास खड़े पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को बुलाया. साथ ही कहा कि किसान की समस्या को नोट कर उसका समाधान करें। इस मौके पर वसुंधरा ने कहा कि प्रदेश में किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.