राजस्थान विधानसभा चुनाव के रंग बदलते जा रहे हैं. शुरुआत में जो स्थितियां थीं, वे अब बदली हुई नजर आ रही हैं. बीजेपी के तीन सांसद फंसते नजर आ रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस के पांच में से दो मंत्रियों पर भार है. दोनों मंत्री अभी भी असमंजस में नजर आ रहे हैं. एक मंत्री का जमकर विरोध हो रहा है. ऐसे में हार-जीत का अंतर खास रहने वाला है. अलवर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, सवाई माधोपुर में कई तरह की ऊर्जा देखने को मिल रही है. गहलोत तुझसे बैर नहीं विधायक मंत्रियों की खैर नहीं जैसे नारे सुनाई दे रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि जनता किसे पसंद करती है.
किरोड़ीलाल मीणा सवाई माधोपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. यहां से बीजेपी की बागी आशा का इमोशनल कार्ड चल रहा है. इलाके में चर्चा है कि किरोड़ीलाल को हराने के लिए कांग्रेस सरकार ने सियासी चाल चली है. तभी बीजेपी की बागी आशा मीना मैदान में हैं. आशा मीना शुरुआत में मजबूत दिख रही थीं. लेकिन किरोड़ीलाल मीणा के सक्रिय होने के बाद लड़ाई तीखी हो गई. मुस्लिम गुर्जर बोले सेट होने से मीणा वोटों के बिखराव के बीच विधायक दानिश अबरार को गुर्जर वोटों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है.
झोटवाड़ा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
सांसद राजवर्धन सिंह को झोटवाड़ा सीट से मैदान में उतारा गया है. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. बीजेपी के बागी आशू सिंह मैदान में हैं. यहां जाट यादव राजपूत सभी मतदाता हैं। राजवर्धन सिंह त्रिकोणीय लड़ाई में फंस गए हैं. शहरी इलाकों में बीजेपी का दबदबा है. यह क्षेत्र जाट बाहुल्य है। राज्य में सबसे ज्यादा वोट वाली इस सीट पर करीब 60 हजार वोटर बढ़े हैं. कांग्रेस के अभिषेक चौधरी कोरोना काल में अपनी टीम के साथ रहे हैं. तो वहीं बीजेपी से बगावत करने वाले आशु सिंह भी राजवर्धन सिंह को नुकसान पहुंचाते नजर आ रहे हैं.
कांग्रेस में 5 साल से सक्रिय रहे सीताराम अग्रवाल को विद्याधर नगर से दीया कुमारी के खिलाफ उम्मीदवार बनाया गया है. इस बार कांग्रेस प्रत्याशी के सामने कोई नहीं बचा है. पहली सीट पर बीजेपी के ए-रैंक ब्राह्मण वैश्य राजपूत, सीताराम दीया कुमारी को टक्कर दे रहे हैं. वोटों के समीकरण में टोंक सीट पर जीत को लेकर सचिन पायलट असहज हैं. दरअसल, इस सीट पर मुस्लिम गुर्जरों के 80 हजार वोट हैं. जो कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक है. इसके अलावा एसी वोटरों की संख्या करीब 67000 है. तिजारा विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी बाबा बालक नाथ भी फंसते नजर आ रहे हैं. वहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है. यहां एक लाख मुस्लिम मतदाता हैं. इसके अलावा कांग्रेस उम्मीदवार इमरान खान को हिंदुओं से भी वोट मिलते दिख रहे हैं. इससे बाल नाथ की परेशानी बढ़ती जा रही है।