जयपुर न्यूज डेस्क: कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने मंगलवार को जयपुर के शाहिद स्मारक पर धरना आयोजित कर पार्टी में एकता का संदेश देने की कोशिश की। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एक मंच साझा किया। लंबे समय से चल रहे मतभेदों के बावजूद दोनों नेताओं के इस कदम ने पार्टी में सामंजस्य का संकेत दिया।
धरने की शुरुआत कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के भाषण से हुई। उन्होंने पार्टी नेतृत्व और गहलोत-पायलट को एक मंच पर लाने के प्रयासों की सराहना की। हालांकि, उनके बयान में राजनीतिक निहितार्थ भी झलका। लेकिन इसने पार्टी के भीतर तनाव को कम करने और नेताओं के बीच की दूरियों को मिटाने का काम किया।
अपने संबोधन में सचिन पायलट ने खाचरियावास के बयान को भाजपा का प्रोपेगेंडा बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एकजुट है और चार साल बाद फिर से सरकार बनाएगी। पायलट ने कार्यकर्ताओं से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि कांग्रेस परिवार की तरह है और संघर्ष के समय सबको साथ आना होगा।
इसके बाद अशोक गहलोत ने पार्टी में एकता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा संकट के समय में मजबूती से खड़ी रही है। गहलोत ने कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि यही सच्चे कांग्रेसी हैं, जो मुश्किल समय में पार्टी का साथ देते हैं।
गहलोत और पायलट का यह मंच साझा करना लंबे समय बाद पार्टी में सामंजस्य का संकेत देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने में मददगार साबित होगा। हालांकि, आगामी चुनावों में यह एकता कितनी प्रभावी रहती है, यह देखने वाली बात होगी।