जयपुर न्यूज डेस्क: राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस हॉस्पिटल में चिकित्सा विज्ञान का एक अनोखा कीर्तिमान रचा गया है। यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर नीरज अग्रवाल और उनकी टीम ने एक 35 वर्षीय महिला की छाती के हिस्से में स्थित दुर्लभ किडनी (इंट्राथोरेसिक किडनी) से 5 सेंटीमीटर से भी बड़ा स्टोन सफलतापूर्वक निकालकर असाधारण सफलता हासिल की है। यह दुर्लभ मेडिकल स्थिति लाखों में एक बार देखने को मिलती है, जिसे लेकर देशभर के कई अस्पतालों ने सर्जरी करने से इनकार कर दिया था।
इस जटिल केस की शुरुआत एसएमएस के इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी विभाग ने की, जहां आधुनिक सीटी स्कैन की मदद से किडनी तक पहुंचने का एक सुरक्षित रास्ता तैयार किया गया और फिर पीसीएन (Percutaneous Nephrostomy) ट्यूब डाली गई। उसी ट्रैक का उपयोग करते हुए यूरोलॉजी विभाग की टीम ने पीसीएनएल (Percutaneous Nephrolithotomy) तकनीक के जरिए त्वचा में बेहद छोटा चीरा लगाकर किडनी तक पहुंच बनाई और स्टोन को टुकड़ों में तोड़कर सफलतापूर्वक बाहर निकाला।
डॉ. नीरज अग्रवाल के अनुसार इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी चुनौती छाती में स्थित किडनी के पास मौजूद हृदय और फेफड़ों जैसे संवेदनशील अंगों को सुरक्षित रखना था। सर्जरी के दौरान एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. वर्षा कोठारी, डॉ. अनुपमा गुप्ता और डॉ. सिद्धार्थ शर्मा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विभागाध्यक्ष डॉ. शिवम प्रियदर्शी ने बताया कि यह उपलब्धि न केवल एसएमएस अस्पताल की विशेषज्ञता का प्रतीक है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए भी भेजा जाएगा। मरीज की स्थिति अब पूरी तरह स्थिर है और वह तेजी से स्वस्थ हो रही है।