जयपुर न्यूज डेस्क: करीब साढ़े चार साल की लंबी देरी के बाद आखिरकार जयपुर नगर निगम हैरिटेज में संचालन समितियों का गठन कर दिया गया है। सरकार ने कुल 24 समितियों का ऐलान किया है, जिनका कार्यकाल 10 नवंबर 2025 तक रहेगा, यानी उसी दिन तक जब बोर्ड का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। इस कदम को लेकर राजनीतिक हलकों में काफी हलचल है, क्योंकि यह फैसला बोर्ड के अंत की ओर बढ़ते वक्त में आया है।
इस बार समितियों के गठन में सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि कांग्रेस की पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर को हटाने में बीजेपी का साथ देने वाले पार्षदों को बड़ी ज़िम्मेदारियां दी गई हैं। ऐसे 8 में से 7 पार्षदों को समितियों का चेयरमैन बनाया गया है, जिनमें मनोज मुद्गल, उत्तम शर्मा, ज्योति चौहान, अरविंद मेठी, मोहम्मद जकरिया, पारस जैन और संतोष कंवर शामिल हैं। ये पार्षद अभी बीजेपी के आधिकारिक सदस्य नहीं हैं, लेकिन उन्हें प्रमुख पद देकर पार्टी ने स्पष्ट संदेश दिया है। कार्यवाहक मेयर कुसुम यादव को सबसे ज्यादा तीन अहम समितियों की कमान सौंपी गई है, जो अब तक किसी मेयर को नहीं दी गई थी।
हालांकि, रवि जैन को फुटकर व्यवसाय पुनर्वास समिति का चेयरमैन बनाए जाने पर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। वजह यह है कि वह वर्तमान में किसी भी वार्ड से पार्षद नहीं हैं और समितियों की सूची में उनके वार्ड का जिक्र भी नहीं है। प्रशासनिक अफसरों को यह तय करने में मुश्किल हुई कि उन्हें समिति में शामिल कैसे किया गया। गौर करने वाली बात यह भी है कि 2020 में जब बोर्ड बना था, तब कांग्रेस की मुनेश गुर्जर को निर्दलीयों के समर्थन से मेयर बनाया गया था, लेकिन संचालन समितियों का गठन लंबे वक्त तक टलता रहा। अब जब कार्यकाल खत्म होने को है, तब जाकर ये समितियाँ सक्रिय की गई हैं।