PKC-ERCP पर क्यों गरमा रही है राजनीति? 10 बिन्दुओं में जानें प्रोजेक्ट को, राजस्थान के कितना मिलेगा पानी

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Posted On:Monday, February 5, 2024

ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच हुए एमओयू के बाद इस मुद्दे पर सियासत चरम पर है. जहां बीजेपी इस प्रोजेक्ट को नया नाम देकर लोकसभा चुनाव भुनाने की कोशिश कर रही है. वहीं कांग्रेस इसे लेकर एक के बाद एक आरोप लगा रही है. प्रोजेक्ट में अहम कड़ी के तौर पर काम कर रहे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हाल ही में इसके बारे में विस्तृत जानकारी साझा की है. उनका दावा है कि लिंक परियोजना से राजस्थान को 3677 एमसीएम पानी मिलेगा. यह पिछले ईआरसीपी (3510 एमसीएम) से अधिक है। वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने राजस्थान के हितों को नजरअंदाज करते हुए जल्दबाजी में एमओयू पर हस्ताक्षर किए.

केंद्रीय मंत्री शेखावत का कहना है कि पहले यह काल्पनिक आंकड़ा था. लेकिन अब सीडब्ल्यूसी ने पानी की जांच के बाद फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि परियोजना की संशोधित संभावित लागत 40 हजार करोड़ रुपये में से राजस्थान सरकार पर केवल 4 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. एमओयू के बाद इस प्रोजेक्ट की 90 फीसदी लागत केंद्र सरकार वहन करेगी. यह राजस्थान के लिए बड़ी बात है. अब इस परियोजना का नाम बदलकर पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी)-पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) लिंक परियोजना कर दिया गया है। उनका आरोप है कि गहलोत सरकार ने इस परियोजना का केवल राजनीतिकरण किया है. जिसके कारण यह आज तक अपने चरम पर नहीं पहुंच पाया है।

पहले इस परियोजना से केवल 13 जिलों झालावाड़, बारां, बूंदी, कोटा, सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर, जयपुर, दौसा, अलवर, करौली, भरतपुर और धौलपुर को लाभ मिलना था। नये जिलों के गठन के बाद राजस्थान में जिलों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसलिए, परियोजना से लाभान्वित होने वाले जिलों की संख्या भी बढ़ी है। अब इस परियोजना से राजस्थान में नवगठित ब्यावर, केकड़ी, जयपुर ग्रामीण, दूदू, कोटपूतली, खैरथल, तिजारा, गंगापुर और डीग को भी सीधा फायदा होगा।

प्रोजेक्ट के मुख्य बिंदु

  • परियोजना की कुल संभावित लागत 40 हजार करोड़ रुपये है.
  • -इस प्रोजेक्ट को पांच साल में पूरा करने का दावा किया गया है।
  • प्रोजेक्ट से राजस्थान के 22 जिले जुड़ेंगे और इससे फायदा होगा.
  • प्रोजेक्ट के एमओयू के बाद अब 90 फीसदी लागत केंद्र वहन करेगा.
  • राजस्थान और मध्य प्रदेश को 10-10 फीसदी खर्च करना होगा.
  • इस परियोजना को पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की नदी जोड़ो परियोजना में शामिल किया गया है।
  • इसके तहत 2004 में पहली पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) योजना बनाई गई.
  • पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) योजना 2016 में राजस्थान सरकार द्वारा बनाई गई थी।
  • अब इन दोनों प्रोजेक्ट को मिलाकर इस प्रोजेक्ट का नाम PKC-ERCP लिंक प्रोजेक्ट रखा गया है.
  • पीकेसी-ईआरसीपी लिंक परियोजना दोनों राज्यों की लगभग 5.75 करोड़ आबादी को पेयजल और सिंचाई का पानी उपलब्ध कराएगी।


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