3 मिनट के इस वीडियो में देखें गालव ऋषि की तपोभूमि का ये अद्भुत रहस्य, जहां 485 वर्षों से लागातर जल रही है 'ज्योति'

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Posted On:Friday, September 20, 2024

भारत में आपको कई मंदिर मिल जाएंगे, जहां हिंदू धर्म के लोगों की गहरी आस्था देखने को मिलती है। मंदिरों में लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। भारत का राजस्थान राज्य अपने कई धार्मिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां आपको कई मंदिर मिलेंगे, जो आज भी भारत की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं। यहां एक ऐसा ही मंदिर है 'गलताजी मंदिर', जो अपनी कई मान्यताओं के लिए जाना जाता है। आइए इस लेख में हम आपको इस मंदिर के बारे में कुछ मजेदार तथ्यों से परिचित कराते हैं।

गलता जी मंदिर का इतिहास - History of GaltaJi Temple

गलता जी मंदिर का इतिहास - History of GaltaJi Temple
18वीं शताब्दी में दीवान राव कृपाराम ने मंदिर की आधारशिला रखी थी। कृपाराम राजा सवाई जयसिंह के दरबार में दीवान थे। जयपुर के शाही शहर के बाहरी इलाके में बना यह मंदिर प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह ऐतिहासिक मंदिर अरावली की ऊंची पहाड़ियों पर बना है।

मंदिर की बनावट - Layout Of The Temple

मंदिर की बनावट - Layout Of The Temple
गलताजी मंदिर अरावली पहाड़ियों में स्थित है और घने पेड़ों और झाड़ियों से घिरा हुआ है। यह प्रभावशाली इमारत गोल छतों और स्तंभों वाली चित्रित दीवारों से सुसज्जित है। कुंडों के अलावा, मंदिर परिसर में भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान हनुमान के मंदिर मौजूद हैं। इस मंदिर में आप न केवल स्थानीय बल्कि विदेशी श्रद्धालुओं को भी आते हुए देख सकते हैं। भक्त यहां मंदिर समिति द्वारा आयोजित भक्ति कार्यक्रमों, भक्ति संगीत, लाइव प्रदर्शन और कई अन्य पवित्र कार्यक्रमों का आनंद लेने के लिए भी आते हैं।

गलताजी को बंदर मंदिर क्यों कहा जाता है?

गलताजी को बंदर मंदिर क्यों कहा जाता है?
गलताजी मंदिर दुनिया भर के पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। मंदिर परिसर शहर के शोर-शराबे से दूर अरावली की पहाड़ियों में स्थित है। खूबसूरती से निर्मित मंदिरों को हिंदू देवताओं, विवाह और पौराणिक कहानियों के भित्तिचित्रों से सजाया गया है। इस पवित्र स्थान पर आपको हजारों बंदर देखने को मिलेंगे। दिलचस्प बात यह है कि यह बंदर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। ये चंचल जंगली बंदर सुबह और शाम के समय मंदिर परिसर में और उसके आसपास पाए जा सकते हैं। हर साल जनवरी के मध्य में यानी 'मकर संक्रांति' के आसपास लोग यहां पवित्र कुंड में डुबकी लगाने आते हैं। इस भव्य मंदिर के दर्शन के लिए सूर्यास्त का समय सबसे अच्छा है, क्योंकि इस समय बंदर भी कम आते हैं। इस मंदिर की यात्रा के लिए सबसे अच्छे महीने जनवरी, फरवरी, अक्टूबर और दिसंबर हैं।

गलताजी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय -

गलताजी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय -
आप गलताजी मंदिर के पास स्थित कृष्ण मंदिर, सूर्य मंदिर, बालाजी मंदिर और सीता राम मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर के पास एक और पर्यटक आकर्षण है सिसौदिया रानी का बाग, जो एक शानदार महल और उद्यान के रूप में जाना जाता है।


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