जयपुर न्यूज डेस्क !!! कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का कल जन्मदिन है. पायलट का जन्म 7 सितंबर 1977 को हुआ था। पायलट के जन्मदिन को लेकर राजस्थान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है. पायलट समर्थकों ने जन्मदिन समारोह के लिए खास तैयारियां की हैं. हालांकि, इस बार जयपुर में पायलट के जन्मदिन पर जलसा नहीं होगा. क्योंकि सचिन पायलट इस बार अपना जन्मदिन दिल्ली में मनाएंगे.
जयपुर में जलसा नहीं, पायलट समर्थक करेंगे गौ सेवा
मालूम हो कि पिछले कुछ समय से सचिन पायलट के जन्मदिन पर जयपुर में कार्यक्रम आयोजित किया जाता था, लेकिन इस बार पायलट के दिल्ली में होने के कारण यह आयोजन नहीं होगा. इस बार राजस्थान में सचिन पायलट के समर्थक उनके जन्मदिन को गौ सेवा दिवस के रूप में मना रहे हैं. पायलट के जन्मदिन के उपलक्ष्य में प्रदेश भर की गौशालाओं में गायों की सेवा की जाएगी. राजस्थान के 50 जिलों में पायलट समर्थक विधायकों, उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसकी तैयारी कर ली है.
पायलट के जन्मदिन पर जयपुर में बड़ा आयोजन नहीं करने के पीछे की वजह
इस बार सचिन पायलट के जन्मदिन के मौके पर जयपुर में बड़ा आयोजन नहीं करने के पीछे कई राजनीतिक कारण हैं. पिछले कुछ वर्षों से सचिन पायलट राजस्थान में पार्टी के भीतर अपनी राजनीतिक स्थिति बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस दौरान अशोक गहलोत के साथ उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता जारी रही, इसलिए समय-समय पर अपनी ताकत दिखाना बहुत जरूरी था.
जन्मदिन पर पायलट की सियासी ताकत दिखी
यही वजह है कि पिछले कुछ समय से सचिन पायलट के सिविल लाइन स्थित बंगले के बाहर बड़ी संख्या में समर्थक जमा हो रहे हैं. दिन भर चले जुलूस ने जयपुर से लेकर दिल्ली तक सचिन पायलट की राजनीतिक ताकत और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी लोकप्रियता और जनता पर उनकी पकड़ का संदेश दिया.
लेकिन अब स्थिति बदल गई है
लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं और हालात अलग हैं. पायलट अब कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव के वरिष्ठ पद पर हैं, जबकि अशोक गहलोत विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस में अपनी खोई हुई सीट वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
पायलट अभी अपनी ताकत नहीं दिखाना चाहते
इस बार जयपुर में कोई बड़ा आयोजन नहीं करने की एक बड़ी वजह यह है कि सचिन पायलट अपनी ताकत दिखाकर कांग्रेस के दूसरे खेमे खासकर डोटासरा और जूली जैसे नेताओं को चुनौती नहीं देना चाहते. पिछले कुछ सालों के सियासी तूफान ने सचिन पायलट को ये जरूर समझा दिया है कि राजस्थान में कांग्रेस के अंदर वही होता है जो आलाकमान यानी गांधी परिवार चाहता है.
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पायलट जानते हैं कि अगले विधानसभा चुनाव में अभी 4 साल बाकी हैं, ऐसे में पार्टी में गुटबाजी से बचते हुए एकजुटता और सामाजिक कार्यों का संदेश देने के लिए जन्मदिन जैसा मौका बेहतर रहेगा.