राजस्थान में पड़ोसी राज्यों की तुलना में पेट्रोल और डीजल पर अधिक वैट दर के खिलाफ पेट्रोल पंप संचालकों ने राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। राज्य सरकार को चेतावनी देने के लिए पेट्रोल पंप संचालक 13 और 14 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक पंपों पर हड़ताल करेंगे. इसके बाद भी अगर सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो वे 15 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे, इसके बारे में जब हमने घाटेगेट पर स्थित पेट्रोल पंप के मालिक महेश जी से बात की तो उन्होंने बताया कि, राजस्थान में पेट्रोल पर वेट बाकी राज्यों की तुलना में अधिक हैं और अब हमारी सरकार से मांग हैं कि वो पेट्रोल से वेट कम करें ताकि आम जनता को राहत मिल सके। इसके आगे उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगो को पूरी नहीं करती हैं तो ये हड़़ताल अनिश्चितकाल के लिए बढ़ाई जा सकती हैं ।
हड़ताल के दौरान पंपों पर पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा. वहीं, पंप संचालक पेट्रोलियम उत्पादों की खरीदारी नहीं करेंगे. एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड सहित आपातकालीन सेवाओं में शामिल वाहनों को इस हड़ताल से छूट दी जाएगी। तो अगर आपकी कार में पेट्रोल या डीजल नहीं है या फिर खत्म होने वाला है तो आज ही अपनी गाड़ी का फ्यूल टैंक फुल करा लें। नहीं तो आप मुसीबत में पड़ सकते हैं.
राज्य भर के 5778 पेट्रोल पंप बंद रहेंगे
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि उनकी मुख्य मांगें राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दर कम करना और डीलर का कमीशन बढ़ाना है. इन मांगों को लेकर एसोसिएशन 13-14 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक सांकेतिक हड़ताल करेगा. इस दौरान राज्य भर के 5778 पेट्रोल पंप बंद रहेंगे.
राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट सबसे ज्यादा है
भाटी ने कहा कि पंजाब और हरियाणा की तुलना में राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट सबसे ज्यादा है. ऐसे में लोग बाहरी राज्यों से पेट्रोल या डीजल भरवाकर राजस्थान आना पसंद करते हैं. कुछ लोग दूसरे राज्यों से डीजल लाकर अवैध रूप से यहां बेच रहे हैं। इससे प्रदेश के पेट्रोल पंप संचालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसके चलते पिछले 3 साल में राजस्थान में करीब 270 पेट्रोल पंप बंद हो चुके हैं. जबकि कई पेट्रोल पंप आर्थिक घाटे के कारण बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं.
पेट्रोल पर 31.04 फीसदी और डीजल पर 19.30 फीसदी वैट लगता है
वहीं, राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुनीत बगई ने कहा कि वैट के आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान में पेट्रोल पर 31.04 फीसदी और डीजल पर 19.30 फीसदी वैट लगता है. इसके साथ ही पेट्रोल पर 1.50 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.75 रुपये प्रति लीटर रोड सेस लगाया जाता है. यह अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है. वहीं, हरियाणा में पेट्रोल पर 18.20 फीसदी और डीजल पर 16 फीसदी वैट लगता है. पंजाब में पेट्रोल पर 13.77% और डीजल पर 09.92% वैट है। दिल्ली में पेट्रोल पर 19.40 फीसदी और डीजल पर 16.75 फीसदी वैट लगता है, जबकि गुजरात में पेट्रोल पर 13.70 फीसदी और डीजल पर 14.90 फीसदी वैट लगता है.
भारत का सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल श्रीगंगानगर में बिकता है
भारत में सबसे महंगा ईंधन राजस्थान के श्रीगंगानगर में बिक रहा है. राजस्थान में पेट्रोल और डीजल की कीमतें देश के अन्य राज्यों की तुलना में 13 और 10 रुपये अधिक महंगी हैं. यहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत 113.30 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 98.07 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है. वहीं, पोर्ट ब्लेयर में सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल बिक रहा है। वहां पेट्रोल की कीमत 84.10 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 79.74 रुपये प्रति लीटर है.