जयपुर, 17 मार्च 2025। राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा नए-नए शोध कर नए आयाम स्थापित कर रहे है। भारतीय वैज्ञानिकों के शोध का ही परिणाम है कि खाद्य पदार्थों के संरक्षण की दिशा में परमाणु ऊर्जा विभाग ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। विभाग के संघटक ईकाई भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने शोध कर गामा विकिरणों के माध्यम से खाद्य पदार्थों की शेल्फ-आयु को बढ़ाने का काम किया है। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र ने देशभर में विभिन्न भागों में विकिरण प्रौद्योगिकी आधारित 28 संयंत्र प्रचालित कर रखे है। राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ के सवाल के जवाब में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सदन में यह जानकारी दी।
राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग के पास खाद्य संरक्षण से जुड़े विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए विकिरण प्रौद्योगिकियां उपलब्ध है। विकिरण प्रौद्योगिकियों से कृषि उत्पाद की शेल्फ आयु को बढ़ाया जाता है। यह स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी है। परमाणु ऊर्जा विभाग के संघटक इकाई भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र ने ही इस विकिरण तकनीक को विकसित किया है। केंद्र ने कृषि सामग्रियों और खाद्य उत्पादों के विकिरण प्रसंस्करण के लिए इसे विकसित किया है। इसमें भंडारित उत्पादों में कीडों और कीटों का नाश, ताजा उत्पाद में संगरोध कीटों का उन्मूलन, फलों और सब्जियों के पकने और जीर्णता में देरी, खाद्य पदार्थों के खराब होने के लिए जिम्मेदार सूक्ष्म जीवों का नाश शामिल है।
राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित विकिरण प्रौद्योगिकी से प्याज और आलू की गुणवत्ता को 7 से 8 आह तक बढ़ाने का काम किया गया है। इसके साथ अति परिपक्व आम किस्म केसर की शेल्फ आयु विस्तार, प्राकृतिक आपदाओं और अन्य लक्ष्यों के लिए परिवेशी दीर्घकालिक संरक्षित भोजन, स्वादिष्ट और संरक्षक रहित, लीची के पेरिकार्प रंग को बनाए रखने और शेल्फ आयु बढ़ाने की प्रक्रिया इन विकिरण प्रौद्योगिकी के माध्यम से की जा रही है। अब देशभर में इन प्रौद्योगिकी संयंत्र के सफल संचालन के बाद कई निजी उद्यमियों द्वारा देश में विकिरण प्रसंस्करण सुविधाएं स्थापित करने के लिए गहरी रूची दिखा रहे है।