जयपुर, 7 फरवरी 2025: राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पाली जिले के सुमेरपुर उपखंड के 20 गांवों में सार्वजनिक बस स्टैंड निर्माण के लिए अनुशंसा की है। इनमें कोरटा, बामनेरा, सलोदरिया, नोवी, गलथनी, भारून्दा, खिवांदी, बांकली, बलुपुरा, बलाना, नेतरा, कोसेलाव, चाणोद, अनोपपुरा, लापोद, धना, बिरामी, देवतारा, सिंदरू, बसंत शामिल हैं। इस पहल के माध्यम से, ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था सुदृढ़ होगी।
यह परियोजना सांसद निधि (एमपीलैड्स) से संचालित होगी और इसके तहत एक करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की जाएगी। यह राशि सार्वजनिक बस स्टैंडों के निर्माण में खर्च की जाएगी, जिसका उद्देश्य इन गांवों के निवासियों को बेहतर और सुरक्षित यात्रा की सुविधा प्रदान करना है। इस कदम से न केवल स्थानीय परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे केवल परिवहन सुविधाओं का विस्तार ही नहीं, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। गांवों की ग्राम पंचायतों के माध्यम से बस स्टैंडों का निर्माण होगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को काम मिल सकेगा और उनका आर्थिक सशक्तिकरण भी संभव होगा।
मदन राठौड़ का यह कदम केवल बुनियादी ढांचे के विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समग्र ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। सार्वजनिक बस स्टैंडों के निर्माण से ग्रामीणों की व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और सुगम होगी। दूरदराज के ग्रामीण इलाकों के निवासियों को अब शहरों तक आसानी से पहुंचने का मौका मिलेगा, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर होगा। यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेगी। सार्वजनिक बस स्टैंडों का निर्माण केवल वर्तमान में नहीं, बल्कि आने वाले वर्षों में भी ग्रामीणों को स्थायी लाभ देगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिलेगी। सुमेरपुर उपखंड के गांवों में यह परियोजना ग्रामीण जनता के लिए एक सुनहरे भविष्य की ओर संकेत कर रही है।
राज्यसभा सांसद व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड ने ग्रामीण विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक गांव को बेहतर सुविधाएं मिले और हर नागरिक को विकास के लाभ मिलें। इस परियोजना के माध्यम से हम उन लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं जो अभी तक विकास की मुख्यधारा से वंचित थे।‘‘