जयपुर, 5 फरवरी 2025 : खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस चार गुटों में बंटी हुई है तथा कांग्रेस के नेता झूठ बोलकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में जो लूटमार और भ्रष्टाचार का खुल्ला खेल हुआ, उसको अब भजनलाल सरकार जनता के सामने ला रही है, तो कांग्रेस तिलमिला रही है। श्री गोदारा ने कहा कि डोटासरा अकेले पड़ते जा रहे तथा उन्हें छपास का रोग लग चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर से इतनी बड़ी संख्या में सरपंचों का जयपुर में एकत्रित होना कांग्रेस के लिए अचंभे की बात है। चूंकि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए पंचायतों का मुद्दा उठा रही है। उनकी तब की सरकार ने बिना सोचे समझे जिलों का पुनर्गठन किया। अब नए जिले बनाए जाने के कारण ही पंचायती राज संस्थाओं का पुनर्गठन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में लोकतंत्र की पहली सीढ़ी को मजबूत करने का काम पहली बार हो रहा है। हमारी सरकार ने एक वर्ष में ही कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं। जिससे वंचित वर्ग से लेकर उद्योग जगत तक हमारी सरकार की योजनाएं पहुंची हैं और उनको लाभ मिला है। हमारी सरकार के किये गये कार्यों से जनता खुश है तभी पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के लिए सरपंच संघों ने जयपुर में आकर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का अभिनंदन किया। जबकि इससे पहले सरपंच संघ जयपुर में आंदोलन करने आते थे।
श्री गोदारा ने कहा कि सरपंच किसी पार्टी के नहीं होते हैं, सरपंच सरकार की योजनाओं को गाँव तक डिलीवर करने की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। किसी की समस्या का समाधान करने के लिए उसकी पीड़ा को समझना पड़ता है, मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने सरपंचों की पीड़ा को अनुभव किया है। अब सरपंचों को मज़बूत किया जा रहा है तो कांग्रेस को क्या आपत्ति है। पंचायतों को सशक्त करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है, क्योंकि ये संस्थाएं लोकतंत्र के सबसे निचले स्तर पर लोगों तक शासन का प्रभावी तरीके से संचालन करती हैं। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण का ही परिणाम है कि प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत पर किसान रजिस्ट्री शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम के तहत पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन/पुनर्सीमांकन का प्रावधान है। हमारी सरकार द्वारा नियम अनुसार ही पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन हेतु जिला कलेक्टर को अधिकृत किया गया है। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में लग रहे समय को देखते हुए पंचायती राज संस्थाओं में नियमानुसार प्रशासक नियुक्त किए गए हैं तथा प्रशासक लगाने में लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखा गया है और जन भावना के अनुरूप ही निर्वतमान सरपंच को प्रशासक लगाया गया है, ताकि पंचायतों की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलती रहें और सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन को मिलता रहे। इसी तरह पंचायती राज विभाग में विभिन्न स्थानान्तरण भी नियमों के तहत किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य वित्त आयोग मद से वर्ष 2023-24 में कुल जारी होने योग्य राशि 3808 करोड की रिलीज की सारी स्वीकृति जारी कर दी गई है। वर्ष 2024-25 में कुल जारी होने योग्य राशि 6072 करोड में से प्रथम किश्त की राशि 3030 करोड रूपए जारी कर दी गई है। श्री गोदारा ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के मनमोहन नागर बनाम मध्यप्रदेश में 17.12.2021 को उच्चतम न्यायालय के निर्णय होने के पश्चात भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा दो वर्ष तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। डोटासरा इस मामले में भी झूठ बोल रहे हैं।