Jaipur news : जयपुर की सड़कों पर हृदय रोगियों और गर्भवती महिलाओं को खतरा: जेडीए लगा रहा है गलत तरह के स्पीड ब्रेकर, जो पीठ और रीढ़ की हड्डी के लिए हैं खतरनाक

Photo Source :

Posted On:Monday, October 2, 2023

जेडीए इंडियन रोड कांग्रेस के नियमों के विपरीत शहर की सड़कों पर पीवीसी ब्रेकर लगा रहा है। इन ब्रेकरों से सड़क दुर्घटना तो नहीं रुक रही, लेकिन हृदय, सर्वाइकल रोगियों और गर्भवती महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दस साल पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर में ये ब्रेकर हटा दिए थे, जबकि जेडीए जनता और ट्रैफिक पुलिस की मांग के आधार पर हर जगह पीवीसी ब्रेकर का इस्तेमाल कर रहा है।

पीवीसी ब्रेकर की कीमत 2 हजार रुपए प्रति मीटर है, इसकी वारंटी 5 साल है, लेकिन एक भी ब्रेकर पांच महीने तक नहीं चलता। जहां ट्रैफिक लोड ज्यादा है, वहां लगे पीवीसी ब्रेकर 3 से 4 महीने में ही टूट जाते हैं। ब्रेकर के पहले किसी भी प्रकार का कोई साइन बोर्ड नहीं लगाया जा रहा है.

पीवीसी ब्रेकर के गिरने के बाद उसी स्थान पर सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। शहर के वैशाली नगर, मालवीय नगर, टोंक रोड, श्याम नगर, सोडाला, स्वेज फार्म, गोपालपुरा, दुर्गापुरा, जगतपुरा क्षेत्र की अधिकांश प्रमुख सड़कों और कॉलोनियों में पीवीसी ब्रेकर का उपयोग किया जा रहा है।

एक्सपर्ट बोले- डामर ब्रेकर बनाओ, इसकी लागत कम हो जाएगी
एमएनआईटी के प्रोफेसर बीएल स्वामी ने बताया कि आईआरसी कोडेल प्रोविजनल के अनुसार पीवीसी ब्रेकर लगाना उचित नहीं है। ऐसे ब्रेकरों का उपयोग वहां किया जा सकता है जहां पहले से ही वाहन कम गति पर चल रहे हों।

पीवीसी स्पीड ब्रेकर से गुजरते समय झटका जल्दी महसूस होता है, जिससे हृदय, सर्वाइकल रोगियों और गर्भवती महिलाओं को खतरा होता है। रोड ब्रेकर का ढलान ऐसा होना चाहिए कि वह पीठ या रीढ़ की हड्डी के लिए खतरनाक न हो। पीवीसी स्पीड ब्रेकर की चौड़ाई कम और लंबाई व ऊंचाई अधिक होती है। इनके स्थान पर 3.5 मीटर लंबाई और 10 सेमी ऊंचाई के डामर ब्रेकर का निर्माण किया जाना चाहिए। ये कम महंगे भी होते हैं और ड्राइवर इनकी गति कम करके आराम से गाड़ी चला सकते हैं।

जेडीए निदेशक इंजीनियर अशोक चौधरी से सीधी बातचीत

प्रश्न: कई स्थानों पर आईआरसी नियमों के विरुद्ध पीवीसी ब्रेकर क्यों लगाए गए हैं?

उत्तर: हमारे पास पीवीसी ब्रेकर न लगाने का कोई आदेश या निर्देश नहीं है। वर्षों से एक ही ब्रेकर लगाया गया है।

प्रश्न: ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि पीवीसी ब्रेकर लगाए जाने के बावजूद दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं?

उत्तर: जनता की मांग और ट्रैफिक पुलिस की संस्तुति के बाद ही ब्रेकर लगाए जाते हैं। जेडीए इसे मनमर्जी से नहीं लगाता है।

प्रश्न: पीवीसी ब्रेकर लगाने के कुछ दिन बाद ही उखड़ जाते हैं, क्यों?

उत्तर: कुछ जगहों पर इन्हें उखाड़ दिया जाता है, कई जगहों पर लोग इन्हें खदेड़ देते हैं।

सवाल: कई स्थानों पर पीवीसी ब्रेकर उड़कर नलों में फंस गए हैं, इससे वाहन चालकों को खतरा अधिक है।

जवाब- नहीं, उन पर नजर रखी जाती है. अगर कहीं-कहीं टूट भी जाए तो उसकी मरम्मत करा दी जाती है।

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.एम. शर्मा, न्यूरोसर्जन डाॅ. कमल गोयल एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ शालिनी राठौड़ ने बताया कि स्पीड ब्रेकर के रूप में यह गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ आम जनता को हृदय, न्यूरो एवं कमर दर्द एवं अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है। जिन लोगों ने हृदय वाल्व प्रत्यारोपित कराया है या रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कराई है, उन्हें ऐसे ब्रेकरों से बचना चाहिए। व्यक्ति लगातार कंपन और झटके से गुजरता है और किसी भी समय समस्याओं का सामना कर सकता है।


जयपुर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Jaipurvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.