भारत में कई ऐसी ऐतिहासिक इमारतें हैं, जो बेहद खास और अनोखी हैं। खासकर राजस्थान ऐसी ऐतिहासिक इमारतों से भरा पड़ा है, जो सैकड़ों साल तो कुछ हजारों साल पुरानी हैं। यहां की इमारतों को भारत की आन-बान और शान भी कहा जाता है और धरोहर भी। आज हम आपको एक ऐसी ही विरासत से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिसे बने हुए 221 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी वह पहले जैसी ही गरिमा के साथ खड़ी है।
भारत की इस अद्भुत ऐतिहासिक धरोहर का नाम 'जल महल' है, जो जयपुर में है। असल में यह एक महल है. जयपुर-आमेर मार्ग पर मानसागर झील के मध्य में स्थित इस महल का निर्माण सवाई जयसिंह ने 1799 ई. में करवाया था। इस महल के निर्माण से पहले जयसिंह ने जयपुर को पानी की आपूर्ति के लिए गर्भावती नदी पर बांध बनवाया था और मानसागर झील का निर्माण कराया था। अरावली पहाड़ियों के मध्य में स्थित जल महल को मानसागर झील के मध्य में स्थित होने के कारण 'आई बॉल' भी कहा जाता है। इसके अलावा इसे 'रोमांटिक महल' के नाम से भी जाना जाता था। राजा इस महल का उपयोग अपनी रानी के साथ विशेष समय बिताने के लिए करते थे। इसके अलावा, महल का उपयोग शाही समारोहों के लिए भी किया जाता था।
इस पांच मंजिला जल महल की सबसे खास बात यह है कि इसकी केवल एक मंजिल ही पानी के ऊपर दिखाई देती है जबकि बाकी चार मंजिलें पानी के नीचे हैं। यही कारण है कि इस महल में गर्मी नहीं लगती। इस महल से पहाड़ों और झील का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है। झील के पानी में स्थित यह महल खासतौर पर चांदनी रात में बेहद खूबसूरत दिखता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस जल महल की नर्सरी में एक लाख से ज्यादा पेड़ लगे हुए हैं, जिनकी दिन-रात देखभाल की जाती है और लगभग 40 माली इस काम में लगे हुए हैं। यह नर्सरी राजस्थान की सबसे ऊंची वृक्ष नर्सरी है। यहां बड़ी संख्या में लोग घूमने के लिए भी आते हैं।