जयपुर, 5 फरवरी 2025: केन्द्र सरकार देश के हर घर में शुद्ध पेयजल की सप्लाई के लिए प्रयास कर रही है और इसके लिए वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन की शुरूआत की गई है। साथ ही देशभर में बनाए गए 15 हजार 259 निगरानी स्थलों से नमूने लेकर भूजल में विद्युत चालकता, फ्लोराइड, आर्सेनिक, भारी धातुओं और नाइट्रेट की मात्रा की जांच की जा रही है। अब तक की जांच रिपोर्ट में कई स्थानों पर भूजल में इनकी मात्रा तय मानकों से अधिक पाई गई है। यह जानकारी केन्द्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री राजभूषण चौधरी ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन राठौड के लिखित प्रश्न के जवाब में दी।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन राठौड ने बताया कि केन्द्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री राजभूषण चौधरी के अनुसार भूजल की जांच रिपोर्ट में अब तक किसी नए प्रदूषक की पहचान नहीं हुई है। वहीं भूजल गुणवत्ता में सुधार और प्रदूषण कम करने सहित भूजल की उपलब्धता की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है और केन्द्र सरकार की ओर से देश के सभी राज्यों को इसमें पूरा तकनीकी और वित्तीय सहयोग किया जा रहा है। देश के लोगो को शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए समय समय पर केन्द्र की एजेन्सियों के माध्यम से पानी की शुद्धता की जांच भी की जा रही है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन राठौड ने बताया कि केन्द्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री राजभूषण चौधरी के अनुसार देश और प्रदेश के लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन के तहत बडे स्तर पर काम किया जा रहा है। योजना के तहत भारतीय मानक ब्यूरो के बीआईएस:10500 मानको के जल की सप्लाई की जा रही है। इससे राजस्थान में दूर दराज बैठे परिवारों को शुद्ध पानी उपलब्ध हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकारों के प्रयासों से पानी की गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है। इसके चलते पिछले पांच वर्ष में ही आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों की संख्या 14 हजार 20 से घटकर 314 और फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों की संख्या 7996 से कम होकर 254 रह गई है। इन बचे हुए क्षेत्रों में सामुदायिक जल शुद्धिकरण संयंत्रों की स्थापना कर स्वच्छ और शुद्ध जल मुहैया करवाया जा रहा है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन राठौड ने बताया कि केन्द्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री राजभूषण चौधरी के अनुसार जेजेएम योजना में आमजन की भागीदारी और जल गुणवत्ता की जानकारी बढाने के लिए ्रप्रत्येक गांव से पांच-पांच लोगों जिनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा हो, को चुनकर उन्हें फील्ड टेस्ट किट से जल का परीक्षण करने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस योजना के तहत अब तक 24 लाख से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। केन्द्र व राजस्थान सरकार के सम्मिलित प्रयासों से जल की गुणवत्ता बढाने के लिए कई कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं।