राजस्थान में आज शाम तक मुख्यमंत्री की घोषणा हो सकती है. इससे पहले बीजेपी ने छत्तीसगढ़-राजस्थान में सीएम के नाम का ऐलान किया. एमपी में मोहन यादव और छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय को पार्टी सीएम की जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही पार्टी ने दोनों राज्यों में दो-दो डिप्टी सीएम भी नियुक्त किए हैं. दलित समुदाय से जगदीश देवड़ा और ब्राह्मण समुदाय से राजेंद्र शुक्ला को सांसद बनाया गया है. वहीं छत्तीसगढ़ में अरुण साव और विजय शर्मा को ये जिम्मेदारी मिली है.
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान में सीएम के अलावा दो डिप्टी सीएम भी बनाए जा सकते हैं. जिनमें से एक मीना और एक गुर्जर या जाट समुदाय से हो सकता है। ये तीनों जातियां राजस्थान में बहुत प्रभावशाली हैं. मारवाड़ और शेखावाटी में जाट बहुतायत में हैं, जबकि पूर्वी राजस्थान की लगभग सभी लोकसभा सीटों पर गुर्जर और मीणा बहुतायत में हैं। ऐसे में बीजेपी सोशल इंजीनियरिंग के जरिए सभी 25 लोकसभा सीटों पर भगवा लहराने की तैयारी में है.
ये जातियां बीजेपी के निशाने पर हैं
बीजेपी का लक्ष्य जाट-गुर्जर और मीना समुदाय से ऐसे नेताओं को शीर्ष पदों पर नियुक्त करना है ताकि यह वर्ग चुनाव जीत सके. साथ ही वे किसी महिला को अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर सकते हैं. इसके अलावा वह सीएम पद के लिए किसी ओबीसी चेहरे पर दांव लगा सकते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी किरोड़ीलाल मीणा को डिप्टी सीएम बना सकती है.
इस तरह पार्टी आम चुनाव में भगवा लहराएगी
ऐसे में बीजेपी किसी ऐसे चेहरे को सीएम पद पर नियुक्त करेगी जो 2024 के चुनाव में पार्टी को जीत दिला सके. पार्टी ने एमपी-छत्तीसगढ़ में दलित, ओबीसी और आदिवासी चेहरों को प्रमुख पद सौंपकर एक तरह से 2024 के चुनाव में जीत की पटकथा लिख दी है. अब देखने वाली बात ये होगी कि पार्टी राजस्थान में किसके चेहरे पर दांव खेलेगी. सूत्रों की मानें तो ऐसी भी चर्चा है कि पार्टी सीएम का पद किसी राजपूत को न देकर किसी ओबीसी को दे सकती है. क्योंकि राजपूत वोटर बीजेपी के परंपरागत वोटर रहे हैं. ऐसे में पार्टी चुनाव में इधर-उधर भाग रही जाटों, मीनाओं और गुर्जरों जैसी जातियों को अपनी ओर खींचने के लिए इस सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले पर काम कर रही है.