राजस्थान के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुड़ा को शुक्रवार रात पद से हटा दिया गया है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सिफारिश स्वीकार कर ली है. राजेंद्र सिंह गुदा पिछले काफी समय से सीएम गहलोत और सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे.
बर्खास्तगी के बाद गुडा ने कहा- महिला अत्याचार में राजस्थान नंबर वन है और ये कारनामा गहलोत सरकार के कार्यकाल में हुआ. यह सच है और मुझे सच बोलने की सजा मिली है।' मैंने गहलोत का समर्थन किया, लेकिन भविष्य में इस आदमी का समर्थन करने से पहले सौ बार सोचूंगा।
शुक्रवार को विधानसभा में न्यूनतम आय गारंटी विधेयक पर बहस के दौरान गुडा ने अपनी सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया. मणिपुर में महिलाओं की नग्न परेड की घटना के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने तख्तियां लहरायीं.
इस पर गुडा ने कहा- राजस्थान में ये सच है कि हम महिलाओं की सुरक्षा करने में नाकाम रहे हैं. जिस तरह से राजस्थान में महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, ऐसे में हमें मणिपुर की बजाय अपने घर के पीछे झांकना चाहिए. गुडा की बर्खास्तगी के बाद अब गहलोत मंत्रिपरिषद में एक पद खाली हो गया है. अब कैबिनेट में फेरबदल की संभावना है.
नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा- मंत्री ने सरकार की पोल खोल दी है
मंत्री गुड़ा के आरोप पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार संविधान के अनुच्छेद 164 (2) के तहत सामूहिक जिम्मेदारी के साथ काम कर रही है. हमारे संविधान में लिखा है कि अगर सरकार का एक मंत्री बोलता है तो इसका मतलब है कि पूरी सरकार बोल रही है. मंत्री ने सरकार की पोल खोल दी है. मैं उन्हें बधाई दूंगा, लेकिन यह शर्म की बात है।'
हाईकमान से चर्चा के बाद बर्खास्तगी का फैसला
राजेंद्र गुड़ा ने पिछले एक साल में पार्टी लाइन से हटकर कई बयान दिए थे. शुक्रवार को पार्टी में कार्रवाई के लिए सबसे बड़ा आधार तैयार किया गया. गुडा ने राजस्थान सरकार को मणिपुर मुद्दे के बजाय अपने गिरेबान में झांकने की सलाह देकर विवाद और बढ़ा दिया है. इसी को आधार बनाकर बीजेपी ने विधानसभा में गुडा के बयान को मणिपुर के काउंटर में पेश करना शुरू कर दिया.
सूत्रों के मुताबिक क्षेत्रीय प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने तुरंत रिपोर्ट दिल्ली भेजकर हाईकमान से बात की. इसके साथ ही गहलोत ने आलाकमान से भी सलाह मशविरा किया और विधानसभा में गुडा के बयान के बाद हरी झंडी मिलने के बाद उन्हें बर्खास्त करने की फाइल राजभवन भेज दी गई.
गुडा ने 15 जून को पायलट मीटिंग में कहा कि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं
पेपर लीक के विरोध में सचिन पायलट की अजमेर से जयपुर यात्रा के समापन दिन 15 मई को राजेंद्र गुड़ा ने सरकार पर खुलेआम भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. गुडा ने कहा कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है, भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है. सरकारी व्यवस्था ख़राब है.
गुडा अब कांग्रेस छोड़कर नई पारी शुरू कर सकते हैं
गुड़ा अब तक उदयपुरवाटी से बसपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में इस बार भी यह तय माना जा रहा है कि वह कांग्रेस से चुनाव नहीं लड़ेंगे. गुडा ने हाल ही में जयपुर में औवेसी से मुलाकात की थी.
गहलोत के कट्टर समर्थक गुडा डेढ़ साल पहले पायलट खेमे में आए थे.
राजेंद्र गुड़ा सीएम अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक थे, लेकिन डेढ़ साल पहले उनके और सीएम के बीच अनबन शुरू हो गई. गुडा पायलट के करीब आ गए और पिछले डेढ़ साल से लगातार पायलट के समर्थन में थे. उन्होंने सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ तीखे बयान दिये.
गहलोत की पिछली सरकार के दौरान, राजेंद्र गुड़ा ने खुद सहित छह बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। साल 2018 में जब गहलोत सरकार बनी थी तब भी गुडा समेत बसपा के सभी छह विधायकों ने गहलोत सरकार को समर्थन दिया था. बाद में सितंबर 2019 में सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए।
राज्य मंत्री बनने के बाद उनके पास ज्यादा समय तक कार्यभार नहीं रहा
विलय के बाद बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायकों को लंबे समय तक पद नहीं दिया गया. नाराजगी बढ़ने का एक बड़ा कारण यह भी था. नवंबर 2021 में राजेंद्र गुड़ा को राज्य मंत्री बनाया गया. उन्हें राज्य मंत्री बनाए जाने पर नाराजगी थी, जिसके कारण वे लंबे समय तक सचिवालय में भी पद पर नहीं रहे। राजेंद्र गुड़ा गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में राज्य मंत्री भी थे इसलिए उन्हें इसकी नाराजगी थी.
गुडा की बर्खास्तगी का मतलब चुनावी वर्ष में अनुशासन का संदेश देने का प्रयास था
विधानसभा में उनके बयान के कुछ ही घंटों बाद गुडा की बर्खास्तगी के राजनीतिक मायने निकाले जाने लगे. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक गुडा की बर्खास्तगी को चुनावी साल में अनुशासन का संदेश देने से जोड़कर देखा जा रहा है.
लंबे समय से कांग्रेस नेतृत्व के कमजोर होने का संदेश मिल रहा था. अब मंत्री को हटाकर बाकी नेताओं को संदेश देने की कोशिश की गई है कि अब कार्रवाई हो सकती है. पिछले दिनों कांग्रेस की बैठक में प्रदेश प्रभारी रंधावा ने नेताओं से साफ शब्दों में कहा था कि अगर उन्होंने सरकार या नेता के खिलाफ बयान दिया तो बड़ी कार्रवाई होगी.
राहुल-खडगे ने खिलाफ बयान देने वाले नेताओं पर कार्रवाई का आदेश दिया
हाल ही में दिल्ली में राजस्थान कांग्रेस की चुनावी बैठक में राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनावी साल में अनुशासन पर जोर देने की बात कही. राहुल-खडगे ने राजस्थान के नेताओं से कहा कि उन्हें किसी भी हालत में सरकार के खिलाफ कलह और बयानबाजी बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए.