जयपुर के घाटगेट में रामनवमी के अवसर पर धार्मिक सौहार्द और भाईचारे की एक अनूठी मिसाल देखने को मिली। यहां मुस्लिम समुदाय और हिंदू समुदाय के लोगों ने मिलकर दिल खोलकर सभी भक्तों का स्वागत किया और रामभक्तों की सेवा कर एकता और आपसी सम्मान का संदेश दिया।
टोपी पहन मुस्लिम युवाओं ने किया रामभक्तों का स्वागत
बताया जा रहा है कि, यहां पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने टोपी और हिंदू समुदाय के लोगों ने भगवा गमछा पहनकर अपने साथियों संग शामिल श्रद्धालुओं को शरबत और खाना खिलाकर स्वागत किया। इसके लिए एक विशेष स्टॉल लगाया गया, जिसमें मुस्लिम समुदाय के युवाओं और बुजुर्गों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
'धर्म कोई भी हो, हम सब एक हैं'
यहां का दृश्य भावुक करने वाला था। रामभक्त जीतू अग्रवाल ने कहा, “यह देखकर दिल खुश हो गया। यह साबित करता है कि धर्म कोई भी हो, इंसानियत सबसे ऊपर है। हम सब एक हैं।”
हर साल निभाते हैं भाईचारे की भूमिका
शरबत वितरण की व्यवस्था संभाल रहे गोपाल अग्रवाल ने कहा कि, वे हर साल ऐसे आयोजनों में भाग लेते हैं। उनका उद्देश्य समाज में भाईचारे और एकता का वातावरण बनाना है। “हमारा मजहब मोहब्बत और इंसानियत की तालीम देता है,”
स्थानीय लोगों ने की पल की सराहना
स्थानीय नागरिकों ने इस पहल को समाज को जोड़ने वाला कदम बताया। जयपुर के घाटगेट पर बना यह दृश्य लोगों को यह याद दिलाता है कि सच्चा धर्म प्रेम, सेवा और आपसी सम्मान में निहित होता है। रामनवमी पर जयपुर के घाटगेट से उठी यह मिसाल न केवल हमारे समाज, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन सकती है। जब धर्म की दीवारें गिरें और दिल मिलें, तब ही सच्चे 'रामराज्य' की कल्पना साकार होती है।