जयपुर न्यूज डेस्क: राजस्थान के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा को जान से मारने की धमकी देने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि यह धमकी जयपुर सेंट्रल जेल से दी गई थी। पुलिस को जब इस धमकी भरे फोन कॉल की सूचना मिली, तो तुरंत जांच शुरू की गई। कॉल की लोकेशन ट्रेस करने पर पता चला कि मोबाइल जेल के अंदर से इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जेल में छापेमारी की, जहां तीनों आरोपियों को पकड़ लिया गया और उनके पास से मोबाइल फोन भी बरामद हुआ।
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि बुधवार शाम करीब 4:30 बजे पुलिस कंट्रोल रूम में एक फोन आया, जिसमें डिप्टी सीएम को धमकी दी गई थी। कॉल का नंबर ट्रेस करने पर यह जेल के भीतर से एक्टिव मिला, जिससे पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया। गुरुवार सुबह पुलिस ने जेल के अंदर तलाशी अभियान चलाकर तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि ये आरोपी जेल के भीतर से ही मोबाइल का इस्तेमाल कर धमकी भरे कॉल कर रहे थे। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि जेल में मोबाइल कैसे पहुंचा और इस साजिश के पीछे कौन लोग शामिल हैं।
इस घटना ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस महानिदेशक (DGP) यूआर साहू ने स्वीकार किया कि जेलों में कैदियों के पास मोबाइल पहुंचना एक बड़ी समस्या बन चुकी है, और इसमें जेल प्रशासन के कुछ लोगों की मिलीभगत भी संभव है। उन्होंने कहा कि अब पूरे प्रदेश की जेलों में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है ताकि ऐसे मामलों पर लगाम लगाई जा सके। जयपुर सेंट्रल जेल से पहले भी कई बार मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, लेकिन इस बार मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि धमकी सीधे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री को दी गई। डीजीपी ने कहा कि अपराध पूरी तरह खत्म करना मुश्किल है, लेकिन पुलिस ऐसे मामलों को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।