जयपुर न्यूज डेस्क: जिस तरह सीमा हैदर ने पाकिस्तान से आकर नोएडा के सचिन मीणा के साथ जीवन बिताया, उसी प्रकार जयपुर की एक महिला को पकड़ लिया गया है। सीमा का राज़ तो कुछ ही महीनों में खुल गया था, लेकिन शाजिया रियाज नाम की यह महिला 40 वर्षों तक अपने असली पहचान को छिपाए रखने में सफल रही। शाजिया के पास फर्जी आधार कार्ड और कई अन्य दस्तावेज थे, जिनका उपयोग उसने खुद को भारतीय साबित करने के लिए किया था।
शाजिया रियाज 1985 में पाकिस्तान से भारत आई थी। उसने जयपुर के जयसिंहपुरा खोर इलाके में एक व्यक्ति से शादी करके अपना घर बसा लिया और उसके चार बच्चे भी हैं। जब पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर जांच शुरू की, तो असली सच जानकर सभी चौंक गए। शाजिया के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज भी मिले हैं। उसके राज़ खुलने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि एक विदेशी महिला इतनी लंबी अवधि तक प्रशासन की नजरों से कैसे बची रही।
पुलिस का कहना है कि शाजिया से पूछताछ चल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह पाकिस्तान से भारत क्यों और कैसे आई। क्या उसका इरादा सिर्फ शादी करना था या फिर किसी अन्य उद्देश्य के लिए वह सीमा पार की थी। इसके साथ ही यह भी पता किया जा रहा है कि वह भारत कैसे आई और यहाँ बसने में उसे किसने सहायता प्रदान की। शाजिया के फर्जी दस्तावेज बनाने वालों की भी खोज की जा रही है।
जयपुर में एक पाकिस्तानी महिला की गिरफ्तारी पर भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा, "जब यहां कांग्रेस का शासन था, तब से मैं इस मुद्दे को उठाता रहा हूं कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के घुसपैठिए यहां छिपे हुए हैं। कांग्रेस के समय में उन्होंने अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिए अनैतिक तरीके से लोगों को पनाह दी। हमारी सरकार में ऐसे घुसपैठियों को पकड़ा जा रहा है। ऐसे लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर निष्कासित करने की जरूरत है। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और झुग्गी-झोपड़ियों में इस तरह के लोग बसे हुए हैं। पाकिस्तानी महिला ने स्वीकार किया है कि वह फर्जी दस्तावेज बनवाकर रह रही थी। पता नहीं और कितने लोग इस तरह के हैं।"