जयपुर न्यूज डेस्क: जयपुर की कोर्ट ने गुजरात की साबरमती जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के दो गुर्गों को 28 जनवरी 2023 को जयपुर के दुर्गापुरा स्थित जी क्लब पर फायरिंग करने के आरोप में दो-दो साल की सजा सुनाई है। फायरिंग के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए थे, लेकिन जयपुर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए यूपी पुलिस की मदद से तीन दिन बाद उन्हें आगरा से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को जयपुर लाने के दौरान उन्होंने पुलिस पर हमला किया और भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और फायरिंग की, जिसमें तीनों आरोपियों के पैरों में गोली लगी थी।
इन तीन आरोपियों में एक नाबालिग और दो अन्य प्रदीप शुक्ला और ऋषभ सिंह शामिल थे। पुलिस ने इन आरोपियों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था और सोमवार, 17 फरवरी 2025 को जयपुर महानगर प्रथम की एडीजे कोर्ट ने उन्हें पुलिस पर हमले के लिए दोषी ठहराया। नाबालिग आरोपी का मामला जुवेनाइल बोर्ड में चल रहा है, जबकि प्रदीप और ऋषभ को दो-दो साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में जी क्लब पर फायरिंग करने के आरोप में दोनों आरोपियों के खिलाफ ट्रायल भी जारी है।
फायरिंग की घटना से कुछ दिन पहले जी क्लब के मालिक से पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई थी। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य ने खुद को परिचित कर रंगदारी की मांग की और जान से मारने की धमकी दी। रंगदारी की रकम न देने पर बदमाशों ने 28 जनवरी की रात जी क्लब पर फायरिंग की थी। इस हमले की जिम्मेदारी ऋतिक बॉक्स और अनमोल बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर स्वीकार की थी। पुलिस ने इस मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें ऋतिक बॉक्स और अनमोल बिश्नोई भी शामिल थे।
लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी रही। फायरिंग की घटना के बाद जयपुर पुलिस ने गैंग के अन्य सदस्य, including ऋतिक बॉक्स और अनमोल बिश्नोई, से भी पूछताछ की। 15 फरवरी 2023 को बठिंडा जेल से लॉरेंस बिश्नोई को प्रोडक्शन वारंट पर जयपुर लाया गया, जहां उसने पुलिस की रिमांड पर 16 दिन तक पूछताछ की। इसके बाद उसे वापस बठिंडा जेल भेज दिया गया।