जयपुर न्यूज डेस्क: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर भ्रष्टाचार का मामला सुर्खियों में है। जयपुर नगर निगम हैरिटेज की पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर और उनके पति सुशील गुर्जर पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप लगा है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच में खुलासा हुआ कि मेयर रहते हुए मुनेश ने अपनी वैध आय से 315 प्रतिशत ज्यादा संपत्ति जुटाई।
करीब दो साल चली जांच में पता चला कि जब मुनेश ने 10 नवंबर 2020 को मेयर का पद संभाला था, उस समय उनके पास 23.84 लाख रुपए की संपत्ति थी। लेकिन अगस्त 2023 तक यह आंकड़ा बढ़कर 2.09 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। इस दौरान उनकी कुल वैध आय वेतन और ब्याज सहित 50.57 लाख रुपए रही, जबकि खर्च 9.54 लाख रुपए दर्ज हुआ। इसका मतलब है कि उन्होंने अपनी घोषित आय से लगभग 1.59 करोड़ रुपए अधिक संपत्ति बनाई।
एसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके पति सुशील गुर्जर के नाम से कई बैंक खातों में संदिग्ध लेन-देन पाए गए हैं। जांचकर्ताओं को इन खातों में अनियमित ट्रांजेक्शन और अघोषित रकम के सबूत मिले हैं। यही नहीं, मुनेश पहले भी पट्टे जारी करने में रिश्वत लेने के मामले में फंस चुकी हैं, जिससे उनके खिलाफ संदेह और गहराया है।
एसीबी ने अब इस मामले की आगे की जांच एएसपी संदीप सारस्वत को सौंपी है। भ्रष्टाचार का यह मामला न केवल जयपुर बल्कि प्रदेश की राजनीति के लिए भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि आखिर सत्ता में आने के बाद नेता इतनी बड़ी संपत्तियां कैसे बना लेते हैं।