Fact Check News-क्या वित्त मंत्रालय लोगों के खाते में डाल रहा हैं पैसा, जानिए इसकी सच्चाई !

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Posted On:Thursday, May 19, 2022

आजकल देश में कोविड के बाद से लोगों को साइबर फ्रॉड वाले लोग काफी चूना लगा रहे हैं और उनसे पैसे ऐठ लेते हैं । बता दें कि, देश में फ्रॉड की घटनाएं एक के बाद एक तेजी से बढ़ रही हैं और इतना ही नहीं, हैकर्स लोगों से पैसा निकलवाने के लिए पता नहीं कौन—कौन से हथकंडे अपनाते हैं और लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं, मगर ऐसा नहीं हैं कि, इसको लेकर हमारी सरकार कुछ नहीं करती हैं सरकार आए दिन किसी ना किसी तरीके से लोगों को इसके बारे में सचेत करती रहती हैं मगर फिर भी लोग साइबर फ्रॉड के शिकार हो ही जाते हैं और पलभर में ही उनके खाते से पैसे निकल जाते हैं ।

अब आपको बता दें कि, आजकल सोशल मीडिया पर वित्त मंत्रालय के नाम पर एक फर्जी सर्टिफिकेट देने को लेकर मैसेज वायरल किया जा रहा है । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, यह मैसेज सोशल मीडिया, पोस्‍ट ऑफिस और ईमेल के माध्‍यम से लोगों तक भेजा रहा हैं । आपको बता दें कि, जारी किए गए सर्टिफिकेट के तहत लोगों से कहा जा रहा हैं कि, प्रमाण पत्र के प्राप्‍तकर्ता को बैंक खाते की पूरी जानकारी देनी होगी, ताकि सरकार के द्वारा उनके खाते में पैसे भेजे जा सके ।

फेक है सर्टिफिकेट

आपको बता दें कि, जब पीआईबी ने इस वायरल मैसेज की सच्चाई का पता लगाया तो पाया गया कि ये मैसेज पूरी तरह से झूठा हैं और उसके बाद पीआईबी ने सरकार की तरफ से इस वायरल मैसेज को लेकर ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी कि देश में वित्त मंत्रालय इस प्रकार का कोई भी दावा नहीं करता हैं और ना ही किसी प्रकार का कोई सर्टिफिकेट जारी करता हैं यदि आपके पास ऐसा कोई सर्टिफिकेट आता है। तो आप उसे फेक मानें और किसी भी प्रकार की कोई भी बैंक जानकारी नहीं दे वरना आपके साथ धोखा हो सकता हैं ।

जानिए, सर्टिफिकेट में क्‍या लिखा है—

तो चलिए आपको बता दें कि, आखिर इस सर्टिफिकेट में क्या लिखा हैं । दरअसल, वायरल सर्टिफिकेट में कहा गया है कि मिस मोनिका कोरी द्वारा ग्लासगो, इंग्लैंड से भारत लाए गए एक बिटकॉन्स को सत्यापित किया गया है और कानून के संदर्भ में इसकी जांच की गई हैं तथा भारतीय रुपये में इसको बदला गया हैं । ध्यान दें कि, मोनिका को विश्वसनीय खाताधारकों की आवश्यकता है ताकि वह अपना धन जमा कर सके । इसके आगे आपको बता दे कि, इस ​सर्टिफिकेट पर अरुण जेटली, डीजी यूएनओडीसी क्षेत्रीय कार्यालय आदि के साईन भी मौजूद हैं ।

जानें, क्‍या नहीं करना चाहिए—

पीआईबी ने जानकारी देते हुए कहा है कि, यदि आपको ऐसा मैसेज मिलता हैं तो आप उस पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करें ।


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