जैसा कि आप सभी पता हैं कि, आजकल ज्ञानवापी मस्जिद का मामला कोर्ट में चल रहा हैं और इसको लेकर कल यानी 16 मई तक तीन दिनों का सर्वेक्षण का काम भी पूरा हो चुका हैं ओर आज यानी 17 मई को इसकी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी गई हैं । मगर इस बीच उत्तर प्रदेश में बनारस स्थित ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के विवाद के बीच सोशल मीडिया पर धर्मस्थलों की तस्वीरों की मानों बाढ़-सी आ गई है । बता दें कि, हाल ही में, एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसमें एक तरफ तो नंदी को दिखाया गया था और दूसरी तरफ मस्जिद को दिखाया जा रहा हैं । बता दें कि, इस तस्वीर को इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा हैं कि, मस्जिद के सामने भगवान शिव के नंदी की प्रतिमा हैं और नंदी की यह प्रतिमा उस काशी विश्वनाथ मंदिर का हिस्सा है, जहां अब मस्जिद खड़ी है ।
क्या यह नंदी प्रतिमा काशी विश्वनाथ मंदिर की है?
बता दें कि, फेसबुक और ट्विटर पर बहुत से लोगों ने इस कोलाज को शेयर किया हैं जिसमें लिखा गया है कि, "काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए नंदी का लंबा इंतजार ।" इतना ही नहीं इस तस्वीर के बारे में लिखा जा रहा है कि, नंदी का चेहरा हमेशा भगवान शिव की तरफ होता हैं ।ठीक उसी तरह नंदी की ये प्रतिमा का चेहरा भी उस तरफ है, जहां अभी ज्ञानवापी मस्जिद है, तो यही मूल विश्वनाथ मंदिर है और जब देश पर इस्लामिक-राज हुआ तो उसे मूल मंदिर को तोडा गया और उस पर ही मस्जिद का निर्माण करवाया गया हैं, जबकि सदियों से नंदी दरवाजे की तरफ देख रहे हैं ।
जानिए, क्या हैं सच्चाई —
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, इंटरनेट पर नजर आ रही यह तस्वीर आधी हकीकत और आधा फसाना हैं । हां जी, अब आप पूछेंगे कि ऐसा क्यों कहा तो आपको बता दें कि, न तो काले नंदी वाराणसी की ज्ञानव्यापी मस्जिद के सामने बैठे हैं,और न ही यह प्रतिमा उस जगह की है । अब आपको बता दें कि, जब हमने फैक्ट चेक किया तो उसमें पाया कि इस पोस्ट में जिस नंदी को दिखाया गया है वोे नंदी की मूर्ति वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की है ही नहीं, वो तो बल्कि महाराष्ट्र के काशी विश्वेश्वर मंदिर की है ।
इस तस्वीर को इंटरनेट पर खोजा गया—
जब हमने इस पोस्ट का पता लगाने के लिए जब हमने इस फोटो को रिवर्स इमेज सर्च किया तो पता चला कि, यह महाराष्ट्र के वाई में काशी विश्वेश्वर मंदिर की थी । हम इस तस्वीर के स्टॉक फोटोग्राफी एजेंसी अलामी पर मिले साक्ष्य के अनुसार इस फोटो को 28 मई, 2012 को लिया गया था । इसके कैप्शन में बताया गया है कि बैल (नंदी) की मूर्ति महाराष्ट्र के सतारा जिले के वाई में काशी विश्वेश्वर मंदिर की है ।
महाराष्ट्र के मंदिर में है ये प्रतिमा
इसके आगे आपकी जानकारी के अनुसार बता दें कि, महाराष्ट्र सरकार की वेबसाइट पर, वहां के काशी विश्वेश्वर मंदिर की तस्वीरें मौजूद हैं जो कि अठारहवीं शताब्दी का मंदिर है । अत: जो नंदी की प्रतिमा का दृश्य उत्तर प्रदेश की ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जोड़कर दिखाया गया है वो असल मे झूठ हैं ।
दावा गलत- यह वो मूर्ति नहीं है ! इसलिए, ऐसा बताना कि "नंदी की यह मूर्ति ज्ञानवापी मस्जिद के सामने है, वो बिल्कुल गलत हैं । दरअसल, ये मूर्ति वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की नहीं बल्कि महाराष्ट्र के काशी विश्वेश्वर मंदिर की हैं ।
Fact Check
दावा
यह नंदी की मूर्ति वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सामने है
नतीजा
यह तस्वीर फर्जी है।