इतिहास से बड़ा कोई शिक्षक नहीं हो सकता। इतिहास केवल घटनाओं का नहीं होता बल्कि आप इन घटनाओं से बहुत कुछ सीख सकते हैं। इस कड़ी में आप जानेंगे कि 17 जून को देश और दुनिया में क्या हुआ, कौन सी प्रमुख घटनाएं इतिहास के पन्नों पर अपनी छाप छोड़ गईं। आप जानते हैं, हम उन खास लोगों के बारे में बात करेंगे जो इस दिन पैदा हुए थे, जिन्होंने इस दिन इस दुनिया को छोड़ दिया था।
17 जून का महत्वपूर्ण इतिहास
17 जून 1799 के दिन यानी आज के ही दिन नेपोलियन बोनापार्ट ने इटली को अपने साम्राज्य में मिलाया.
17 जून 1858 के दिन यानी आज के ही दिन भारतीय स्वतत्रंता संग्राम की नायिका झांसी की रानी लक्ष्मीबाई शहीद हुई.
17 जून 1917 के दिन यानी आज के ही दिन महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम के हृदय कुंज में को अपना निवास बनाया.
17 जून 1929 के दिन यानी आज के ही दिन सोवियत संघ ने चीन के साथ कूटनीतिक संबंध समाप्त किए.
17 जून 1938 के दिन यानी आज के ही दिन जापान ने चीन के खिलाफ युद्ध की घोषणा की.
17 जून 1944 के दिन यानी आज के ही दिन आइसलैंड को डेनमार्क से स्वतंत्रता मिली.
17 जून 1944 के दिन यानी आज के ही दिन जर्मनी ने द्वितीय विश्व युद्ध में समर्पण किया.
17 जून 1950 के दिन यानी आज के ही दिन मिस्त्र, लेबनान, सीरिया और सऊदी अरब ने सुरक्षा संधि पर हस्ताक्षर किए.
17 जून 1963 के दिन यानी आज के ही दिन अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों में बाइबिल के आवश्यक पठन पर पाबंदी लगाई.
17 जून 1967 के दिन यानी आज के ही दिन चीन, हाइड्रोजन बम से संपन्न दुनिया का चौथा देश बना.
17 जून 1970 के दिन यानी आज के ही दिन शिकागो में पहली बार किडनी प्रत्यारोपण का ऑपरेशन हुआ.
17 जून 1994 के दिन यानी आज के ही दिन शिकागो में फीफा विश्वकप फुटबाल की शुरुआत हुई.
17 जून 2002 के दिन यानी आज के ही दिन कराची में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पुन: खोला गया.
17 जून 2004 के दिन यानी आज के ही दिन मंगल पर पृथ्वी की चट्टानों से मिलते-जुलते पत्थर मिले.
17 जून 2008 के दिन यानी आज के ही दिन देश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान ‘तेज़स’ का बंगलौर में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया.
17 जून 2012 के दिन यानी आज के ही दिन सायना नेहवाल तीसरी बार इंडोनेशिया ओपन चैंपियन बनीं.
17 जून 2012 के दिन यानी आज के ही दिन मिस्र के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए आम चुनाव हुए.
17 जून 2012 के दिन यानी आज के ही दिन चीन का “शनचो-९” अंतरिक्ष यान प्रक्षेपित किए जाने के बाद निश्चित कक्षा में पहुचने में सफल रहा.