मुंबई, 11 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को एक आपराधिक मामले में कोर्ट में पेश हुए। BBC के मुताबिक उन्होंने अपने खिलाफ चल रहे मुकदमे में कठघरे में खड़े होकर गवाही दी। इजराइल के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी प्रधानमंत्री ने आपराधिक मुकदमे में गवाही दी है। गवाही देनी शुरू करते ही नेतन्याहू ने कोर्ट में बैठे न्यायाधीशों को ‘हैलो’ कहा। इसके जवाब में एक जज ने कहा कि उनके पास विशेष अधिकार है कि वे अपनी इच्छानुसार बैठकर या फिर खड़े होकर गवाही दे सकते हैं। इसके बाद नेतन्याहू ने कोर्ट में खड़े होकर गवाही देने का विकल्प चुना। उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। नेतन्याहू ने कहा कि वे इस पल का 8 साल से इंतजार कर रहे थे, ताकि सच कह सकें। चूंकि वे एक प्रधानमंत्री भी हैं और 7 मोर्चे पर जंग के बावजूद देश का नेतृत्व कर रहे हैं। वे भ्रष्टाचार भी कर सकते हैं ये समझ से परे है।
नेतन्याहू ने कहा, मैं कोई अच्छी जिंदगी नहीं जी रहा हूं। मुझे 17-18 घंटे काम करना पड़ता है। मैं लंच भी ठीक से नहीं कर पाता। देर रात तक काम करना पड़ता और करीब 2 बजे सोने का मौका मिल पाता है। मेरे पास परिवार या फिर बच्चों से मिलने का बिल्कुल भी समय नहीं है। मुझे शैंपेन से नफरत है। मैं कभी-कभी सिगार पीता हूं लेकिन उसे भी पूरा नहीं पी पाता क्योंकि मेरे पास इतना वक्त नहीं होता क्योंकि मैं लगातार मीटिंग और ब्रीफिंग में बिजी रहता हूं। मेरी पत्नी और सास अच्छी जिंदगी जीते हैं ये कहना भी बेतुका है। नेतन्याहू पर महंगे शैपेन और सिगार लेने के बदले अरबपति हॉलीवुड डायरेक्टर को फायदा पहुंचाने का आरोप है। उन पर ये भी आरोप है कि उन्होंने अपनी साफ-सुथरी छवि बनाने के लिए अखबार मालिकों को कई तरह का फायदा पहुंचाया है।
प्रधानमंत्री से जुड़े इस मामले सुनवाई अभी लगातार चलने की उम्मीद है। इन सभी मामले में 140 लोगों को गवाही के लिए बुलाया गया है। गवाहों में नेतन्याहू के कुछ भरोसेमंद लोग शामिल हैं, जो उनके खिलाफ हो गए थे। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री यायर लापिड और कई मीडिया हस्तियां भी शामिल हैं। वकीलों ने रिकॉर्डिंग, पुलिस डॉक्यूमेंट और टेक्स्ट मैसेज समेत कई सबूत पेश किए हैं। फिलहाल इस मामले में कम से कम 2026 तक फैसला आने की उम्मीद नहीं है। इसके बाद नेतन्याहू सुप्रीम कोर्ट में भी अपील कर कर सकते हैं। इजराइली PM ने गाजा वॉर और सुरक्षा चिंताओं को हवाला देकर कई बार कार्यवाही में देर करने की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने इसे शुरू करने का आदेश दिया था।
भारतीय समय के मुताबिक कार्यवाही दोपहर करीब 2 बजे हुई थी जो कि रात के 8 बजे खत्म हुई। तब तक नेतन्याहू कोर्ट में मौजूद थे। PM की सिक्योरिटी को देखते हुए अदालत की कार्यवाही राजधानी तेल अवीव के अंडरग्राउंड चैंबर में शिफ्ट की गई। ये कोर्ट बम शेल्टर के रूप में सुरक्षित माना जाता है। आने वाले सप्ताह में इस मामले की सुनवाई तेज हो सकती है। पिछले हफ्ते, कोर्ट ने कहा था कि नेतन्याहू को इस सप्ताह में दो बार अदालत में पेश होना होगा और फिर सप्ताह में तीन बार कोर्ट आना पड़ेगा। जब नेतन्याहू गवाही दे रहे थे तब कोर्ट के बाहर नेतन्याहू के समर्थन और विरोध करने वाले लोग मौजूद थे। लोग हमास की कैद में रखे गए बंधकों को वापस लाने की मांग कर रहे थे। कुछ लोग नेतन्याहू को जंग छेड़ने का दोषी बता रहे थे। प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिला हदस काल्डेरोन ने बताया कि पिछले साल उनके दो बच्चों को सीजफायर समझौते के तहत हमास ने रिहा कर दिया था लेकिन उनके पति ओफर अभी भी हमास के कैद में हैं। पीएम उनकी रिहाई के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। नेतन्याहू देश के लोगों की देखभाल करने से ज्यादा अपने पापों को छुपाने में लगे हुए हैं। उन्हें बंधकों की परवाह नहीं है।