जयपुर न्यूज डेस्क: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय सीए सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा कि राजस्थान बिजली और पानी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का सबसे बड़ा लाभ राजस्थान को मिला है और अब सिंधु नदी का पानी सबसे अधिक राज्य को उपलब्ध हो रहा है। सीएम ने कहा कि जब किसी कार्य को पूरी निष्ठा से किया जाता है, तो ईश्वर भी साथ देता है।
सीएम ने पर्यटन के क्षेत्र में सरकार की पहल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शेखावाटी से लेकर बीकानेर तक मौजूद पुरानी हवेलियों को तोड़ने से रोक दिया गया है और सरकार उनके संरक्षण के लिए वित्तीय सहायता देगी। इस पहल के तहत ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने राजस्थानी प्रवासियों से हवेलियों के संरक्षण में सहयोग करने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने रोजगार के क्षेत्र में भी बड़े कदम उठाने की बात कही। उन्होंने बताया कि सरकार ने पिछले जुलाई से अब तक 75,000 सरकारी नौकरियां दी हैं और अगले महीने 15,000 नई भर्तियां की जाएंगी। सीएम ने राइजिंग राजस्थान योजना का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य 4 लाख सरकारी और 6 लाख निजी क्षेत्र में नौकरियां उपलब्ध कराना है। कुछ भर्तियां अदालतों में लंबित हैं, लेकिन सरकार अपने वादों को पूरा करने की दिशा में लगातार काम कर रही है।
भाजनलाल शर्मा ने बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य भी साझा किया। उन्होंने बताया कि 22 महीनों में राजस्थान ने 4,750 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर दिखाया है। उनका कहना था कि 2027 तक राज्य बिजली लेने वाला नहीं, देने वाला बनेगा। इसके तहत किसानों को दिन में बिजली, उद्योगों को निर्बाध आपूर्ति और आम नागरिकों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य को जल और बिजली दोनों क्षेत्रों में एमओयू मिले हैं और सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है।