जयपुर न्यूज डेस्क: राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में जांचों को प्राइवेट कंपनियों को सौंपने के फैसले के खिलाफ लैब टेक्नीशियनों ने विरोध जताया। जयपुर के जेके लोन हॉस्पिटल समेत राज्यभर के पीएचसी, सीएचसी और अन्य सरकारी हॉस्पिटलों में काम कर रहे लैब कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया।
अखिल राजस्थान लैब टेक्नीशियन कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष जितेन्द्र चौधरी ने बताया कि सरकार ने दिल्ली और पुणे की दो कंपनियों को प्रदेश के तमाम सरकारी हॉस्पिटलों में मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना के तहत होने वाली जांचों का काम सौंपा है। ये कंपनियां नवंबर-दिसंबर से जांच करना शुरू करेंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि प्राइवेट कंपनियों की जांच रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता और मरीजों का डेटा कंपनी के पास जाने से फर्जी रिपोर्ट बनाकर सरकार को बड़ी रकम का भुगतान करना पड़ सकता है।
लैब टेक्नीशियनों ने उदाहरण देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश में भी इसी तरह की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों को देने पर जांचों में बड़ी गड़बड़ी सामने आई थी। संघ के प्रवक्ता बालकिशन शर्मा ने कहा कि वर्तमान में चल रही मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना अच्छी तरह संचालित हो रही है, लेकिन निजी हाथों में जाने से जांच की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।