जयपुर न्यूज डेस्क: जयपुर में मंगलवार को NSUI कार्यकर्ताओं के छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर हुए जोरदार प्रदर्शन ने कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति को भी ताजा हवा दे दी। डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने बयान देकर माहौल और गरमा दिया। उन्होंने साफ कहा— “यह आंदोलन हमारे खिलाफ नहीं, गहलोत के खिलाफ है। पायलट को जवाब देना है तो गहलोत दें कि आखिर चुनाव क्यों रोके गए?” इस बयान ने पार्टी में मतभेद की तस्वीर सबके सामने ला दी।
दरअसल, प्रदर्शन में मौजूद सचिन पायलट ने भी खुलकर सरकार से सवाल पूछा— “अगर चुनाव नहीं हो रहे हैं तो ठोस वजह बताओ। सीएम को सलाह दी जा रही है कि चुनाव मत कराओ, और यह सीख दिल्ली से आ रही है।” जयपुर के शहीद स्मारक से सीएम आवास तक नारों और बैनरों के बीच NSUI की नाराजगी सड़कों पर दिखी। जब प्रदर्शनकारियों ने कूच किया तो पुलिस ने वाटर कैनन और हल्का बल प्रयोग कर उन्हें रोका। पानी की बौछारें पायलट समेत कई नेताओं पर पड़ीं।
पायलट के साथ कई युवा विधायक भी थे— लाडनूं के मुकेश भाकर, शाहपुरा के मनीष यादव और टिब्बी के अभिमन्यु पूनिया। भाकर ने कहा— “चुनाव हर हाल में कराएंगे।” पूनिया ने चेतावनी दी— “अगर किसी छात्र पर मुकदमा हुआ तो कांग्रेस को खुद जवाब देना पड़ेगा।” इस बीच बैरवा का सीधा गहलोत पर निशाना यह दिखा रहा है कि फाइल उच्च शिक्षा विभाग में पड़ी है और जवाब गहलोत को ही देना होगा।
छात्रसंघ चुनावों पर 2023 में गहलोत सरकार ने रोक लगाई थी, यह कहते हुए कि चुनाव धनबल-बाहुबल के सहारे लड़े जा रहे हैं और कैंपस हिंसा बढ़ रही है। लेकिन अब यह मुद्दा छात्रों से ज्यादा कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान का केंद्र बन गया है। सवाल साफ है— यह लड़ाई छात्रहित में है या सत्ता-संगठन की जंग का नया अध्याय? अब निगाहें गहलोत के जवाब पर टिक गई हैं।