जयपुर न्यूज डेस्क: कोटपूतली में पिछले चार दिनों से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक तीन साल की चेतना तक पहुंचा नहीं जा सका है। बोरवेल के समानांतर 170 फीट गहराई तक पाइलिंग मशीन से खुदाई हो चुकी है। अब रैट माइनर्स को पाइप के जरिए गड्ढे में उतारा जाएगा, जो बोरवेल तक 20 फीट की सुरंग खोदेंगे। इस बीच चेतना की मां धोली देवी की तबीयत बिगड़ गई है। लगातार भूखे रहने के कारण डॉक्टरों की टीम ने उनकी जांच की।
खुदाई में आई समस्याएं
बुधवार सुबह 8 बजे खुदाई शुरू हुई, लेकिन मेजरमेंट में दिक्कतों के चलते 32 घंटे तक खुदाई का काम चला। गुरुवार सुबह 10:40 बजे सुरंग खोदने के लिए रैट माइनर्स को नीचे उतारने की तैयारी थी, लेकिन माप सही नहीं होने की वजह से दोबारा पाइलिंग मशीन से ड्रिल करनी पड़ी। पत्थरों की वजह से भी खुदाई में काफी समय लगा।
चेतना का मूवमेंट बंद
चेतना सोमवार दोपहर 1:50 बजे 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी थी। 74 घंटे से वह भूखी-प्यासी है। मंगलवार के बाद से कैमरे में उसका मूवमेंट नहीं दिख रहा है। कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने गुरुवार को जानकारी दी कि रेस्क्यू ऑपरेशन बिना रुके जारी है और हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
नई तकनीकों का इस्तेमाल
खुदाई के दौरान पत्थर आने से दिक्कतें बढ़ीं, लेकिन नई मशीनों की मदद से पत्थरों को काटा गया। अब NDRF की निगरानी में मैनुअल हॉरिजॉन्टल सुरंग बनाकर बच्ची को बाहर निकालने की योजना है। ऑपरेशन लगभग अंतिम चरण में है।
मां की हालत नाजुक
चेतना के गिरने के बाद से उसकी मां धोली देवी ने खाना नहीं खाया है। चार दिन से भूखे रहने के कारण उनकी हालत गंभीर हो गई। डॉक्टरों की टीम उनकी देखभाल कर रही है। परिवार और स्थानीय लोगों के बीच बच्ची के सुरक्षित बाहर आने की दुआओं का माहौल है।