जयपुर न्यूज डेस्क: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सोमवार को हैरिटेज नगर निगम के कैबिनेट विस्तार की घोषणा कर दी गई। स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी की गई सूची ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि इसमें कई ऐसे नाम शामिल थे जो उम्मीद से परे थे। सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि इस सूची में एक दिवंगत महिला पार्षद का भी नाम शामिल कर दिया गया, जिससे प्रशासन की गंभीर लापरवाही उजागर हो गई।
दरअसल, वार्ड नंबर 63 से पार्षद रहीं सुशीला देवी मीणा का निधन करीब छह महीने पहले हो चुका है। इसके बावजूद उन्हें फायर समिति का सदस्य बना दिया गया। खास बात यह है कि खुद कुसुम यादव ने 25 नवंबर को सुशीला देवी के निधन पर शोक जताया था। यह लापरवाही सवाल उठाती है कि कैबिनेट विस्तार से पहले ज़िम्मेदारों ने नामों की जांच तक नहीं की।
कैबिनेट विस्तार में कांग्रेस के सात पार्षदों को चेयरमैन बनाया गया है। ये वही पार्षद हैं, जिन्होंने पहले महापौर मुनेश गुर्जर को हटाने की मांग उठाई थी। इससे नगर निगम की राजनीति में हलचल और तेज हो गई है। इस सूची में कई समितियों के लिए नियुक्तियां की गई हैं, जिनमें वित्त, भवन अनुज्ञा, महिला एवं बाल विकास, उद्यान विकास, अपराध नियंत्रण, होर्डिंग, पशु संरक्षण और सामाजिक कल्याण जैसी समितियां शामिल हैं।
कुछ समितियों में एक नहीं बल्कि तीन-तीन चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति में पूरणमल सैनी, पवन कुमार शर्मा और गिर्राज नाटा को, जबकि विद्युत एवं सार्वजनिक प्रकाश समिति में रामकिशन शर्मा, उत्तम शर्मा और अरविंद मेठ को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन नियुक्तियों को लेकर अब सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।