जयपुर न्यूज डेस्क: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देवस्थान विभाग को लेकर भजनलाल सरकार के फैसलों पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर जयपुर के प्रसिद्ध गलताजी तीर्थ की स्थिति पर सवाल उठाए। गहलोत ने आरोप लगाया कि 521 साल पुरानी परंपरा टूट गई है क्योंकि सरकार भगवान के लिए फूल माला तक उपलब्ध नहीं करा पा रही है। उन्होंने इसे बीजेपी सरकार की लापरवाही करार देते हुए कहा कि जो पार्टी भगवान के नाम पर वोट मांगती है, वही भगवान की सेवा में असफल हो रही है।
अशोक गहलोत ने अपनी पोस्ट में लिखा कि गलताजी मंदिर उत्तर भारत के प्रमुख वैष्णव तीर्थों में से एक है, जिसकी जिम्मेदारी वर्तमान में राज्य सरकार के पास है। लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण यहां की सदियों पुरानी परंपराएं टूट गई हैं। उन्होंने कहा कि 23 दिनों से भगवान को फूल माला नहीं चढ़ाई जा रही और यह स्थिति बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। गहलोत ने बीजेपी को 'चुनावी हिंदू पार्टी' बताते हुए आरोप लगाया कि यह सिर्फ वोटों के लिए धर्म की राजनीति करती है, लेकिन तीर्थस्थलों की सेवा करने में पूरी तरह विफल है।
जयपुर के एक दैनिक समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, गलताजी तीर्थ में 521 सालों से चली आ रही प्रसाद और पूजन की परंपरा प्रभावित हो रही है। पिछले 23 दिनों से मंदिर में भगवान को फूल माला नहीं पहनाई गई है, जिससे श्रद्धालुओं में रोष है। इसके अलावा, भगवान के भोग में भी बदलाव देखा गया है। जहां पहले राजभोग की थाली में विभिन्न प्रकार के पकवान होते थे, अब भगवान को सिर्फ दाल-रोटी का भोग लगाया जा रहा है।
इस मामले पर राज्य सरकार की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। तीर्थस्थल से जुड़े लोगों का कहना है कि देवस्थान विभाग की उदासीनता के कारण यह स्थिति बनी है। सरकार को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करना चाहिए ताकि मंदिर की पुरानी परंपराएं दोबारा बहाल हो सकें और श्रद्धालुओं की आस्था बनी रहे।