प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आज जयपुर समेत देश के 19 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है। इसमें राजस्थान की कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचरियावास का आवास भी शामिल है। टीमें सुबह करीब पांच बजे खाचरियावास के आवास पर पहुंचीं। यह मामला रियल एस्टेट निवेश फर्म पर्ल एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) में 48,000 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित है। ईडी से मिली जानकारी के अनुसार घोटाले का पैसा प्रताप सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर पीएसीएल में ट्रांसफर किया गया था। अधिकांश धन संपत्ति और अन्य क्षेत्रों में निवेश किया गया।
पूर्व मंत्री के घर पर छापेमारी की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में समर्थक जयपुर के सिविल लाइंस स्थित उनके आवास पर पहुंच गए। समर्थकों ने इस कार्रवाई का विरोध किया। कार्यक्रम स्थल पर भाजपा सरकार के खिलाफ जोरदार नारे लगाए गए। पुलिस ने पूर्व मंत्री के आवास के बाहर खड़ी एक समर्थक की कार पर आपत्ति जताई। समर्थक एक वाहन पर खड़े होकर नारे लगा रहे थे। इस दौरान समर्थकों की पुलिसकर्मियों से झड़प भी हुई।
स्थिति को देखते हुए ईडी की टीम ने जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ और डीसीपी दक्षिण दिगंत आनंद से बात की। इसके बाद तीन थानों की फोर्स घटनास्थल पर भेजी गई। इस दौरान खाचरियावास भी अपने आवास से बाहर आए और अपने समर्थकों को समझाया। तब जाकर मामला शांत हुआ।
PACL में लाखों लोगों के साथ धोखाधड़ी
पीएसीएल में लाखों लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में गया। सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को रिटायर्ड सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। कोर्ट ने कमेटी को 6 महीने के भीतर पीएसीएल की संपत्तियों की नीलामी कर लोगों को ब्याज समेत भुगतान करने को कहा था।
सेबी के मूल्यांकन के अनुसार, पीएसीएल के पास रु. इसकी परिसंपत्तियां 1.86 लाख करोड़ रुपये की हैं, जो निवेशकों की जमा राशि से चार गुना अधिक है। पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी का कारोबार बंद कर दिया। इस कारण निवेशकों की पूंजी कंपनी में ही लगी रही। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में मामला चला और सेबी जीत गई।
राजस्थान में 28 लाख लोगों ने किया 2850 करोड़ रुपए का निवेश
17 वर्षों से प्रदेश में रियल एस्टेट निवेश में लगी पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2850 करोड़ रुपये तथा देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49100 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनी के खिलाफ बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मामले दर्ज हैं।
जब यह मामला पहली बार जयपुर में सामने आया तो एफआईआर दर्ज की गई। जानकार सूत्रों के अनुसार इस मामले में प्रताप सिंह की हिस्सेदारी करीब 30 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ईडी की छापेमारी पूरी होने के बाद ही वसूली के बारे में कुछ कहा जा सकेगा।
खाचरिया ने कहा- जो भी उनके खिलाफ बोलता है उसे ईडी भेज दिया जाता है
प्रताप सिंह खाचरिया ने कहा- ईडी केंद्र के अधीन है। इस डबल इंजन सरकार से ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती। मेरे परिवार के सदस्यों के ठिकानों पर अनावश्यक तलाशी ली जा रही है। हम गहन तलाशी लेंगे। हम ईडी अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करेंगे। मेरे भाषण से भाजपा सरकार इतनी परेशान हो गई है कि उन्होंने छापेमारी शुरू कर दी है। मैं पिछले डेढ़ साल से उनके खिलाफ बोल रहा हूं। जो भी भाजपा और उसकी सरकार के खिलाफ बोलता है, उसके घर पर वे ईडी भेज देते हैं। जब मैं बोल रहा था तो मुझे पहले से ही पता था कि ईडी एक दिन आएगा, अगर वह आता है तो मैं भी तैयार हूं।
मेरा नाम प्रताप सिंह खाचरियावास है, मैं सबके साथ कैसा व्यवहार करना है यह जानता हूँ।
खाचरियावास ने भाजपा नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा, ''मैं भाजपा के लोगों से कहना चाहता हूं कि आप सरकार में नहीं रहेंगे।'' सरकारें बदलती रहती हैं. समय बदलेगा. आपने यह कार्रवाई शुरू की है, कल हम भाजपा के लोगों के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई करेंगे। मैं भयभीत नहीं हूँ। मेरा नाम प्रताप सिंह खाचरियावास है। मैं सभी के साथ कैसा व्यवहार करना है यह जानता हूं। मीडिया से बात करते हुए प्रताप सिंह ने कहा कि अगर कोई मेरे घर पर गोली चलाएगा तो मैं भी उसके घर पर गोली चलाऊंगा। अब हम सड़कों पर उतरेंगे और बदला लेंगे।