जयपुर न्यूज डेस्क: जयपुर में 17 साल पहले हुए सीरियल बम ब्लास्ट के दौरान रामचंद्र मंदिर, चांदपोल के पास मिले जिंदा बम मामले में शनिवार को अदालत का फैसला आने वाला है। इस केस की सुनवाई जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत में हो रही है, जहां जज रमेश कुमार जोशी चार आरोपियों पर फैसला सुनाएंगे। इस मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने शनिवार को फैसले की तारीख तय की थी। इससे पहले ब्लास्ट के आठ मामलों में आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। राज्य सरकार की अपील फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
एटीएस ने इस मामले में नई जांच के तहत तीन गवाहों को पेश किया था। 13 मई 2008 को हुए बम धमाकों के 11 साल बाद विशेष अदालत ने 2019 में चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन 2023 में हाईकोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया और सभी आरोपियों को बरी कर दिया। जांच में हुई खामियों के चलते हाईकोर्ट ने जांच एजेंसियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए थे। इसके बाद एटीएस ने एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर नई गवाही प्रस्तुत की। अभियोजन पक्ष ने कुल 112 गवाहों के बयान दर्ज कराए, जिसमें पत्रकार प्रशांत टंडन, पूर्व एडीजी अरविंद कुमार और साइकिल ठीक करने वाले दिनेश महावर भी शामिल थे।
इस मामले में बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि यह केस पहले के आठ ब्लास्ट मामलों जैसा ही है और इन्हीं तथ्यों के आधार पर हाईकोर्ट पहले ही आरोपियों को बरी कर चुका है। आरोपियों के वकील मिन्हाजुल हक के अनुसार, अभियोजन यह साबित नहीं कर पाया कि मंदिर के सामने साइकिल किसने रखी थी। फिलहाल, जिन चार आरोपियों पर फैसला आना है, उनमें से दो—सैफुर्रहमान और मोहम्मद सैफ—जयपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं, जबकि मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद जमानत पर बाहर हैं। अब अदालत का फैसला तय करेगा कि इस केस में आगे क्या मोड़ आता है।