हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा पर निकलते हैं। यह यात्रा जहां श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है, वहीं कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और मौसम की मार के चलते यह यात्रा एक बड़ी सुरक्षा चुनौती भी बन जाती है। ऐसे में इस बार की यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए प्रशासन ने विशेष इंतज़ाम किए हैं।
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, और इस दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए माउंटेनियरिंग रेस्क्यू टीम (MRT) को खास प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस की देखरेख में ये टीमें तैयार की जा रही हैं, जो यात्रा मार्ग पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चौबीसों घंटे तैनात रहेंगी।
रेस्क्यू टीमों को मिल रही है विशेष ट्रेनिंग
अमरनाथ यात्रा के लिए तैयार की जा रही MRT यानी माउंटेनियरिंग रेस्क्यू टीम को पर्वतीय इलाकों में काम करने की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। इन्हें वह सभी तकनीकी उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, जिनका इस्तेमाल सामान्य तौर पर प्रोफेशनल पर्वतारोही करते हैं। इसमें रैपलिंग, क्रेवास रेस्क्यू, स्नो ब्रिज क्रॉसिंग, और हाई एल्टीट्यूड में फर्स्ट एड जैसी तकनीकों को सिखाया जा रहा है।
पुलिस प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि इन टीमों को तैनाती से पहले कठोर भौगोलिक परिस्थितियों में कार्य करने की पूर्ण तैयारी हो। रेस्क्यू टीम को "देवदूत" भी कहा जाता है, क्योंकि ये कठिन वक्त में यात्रियों के लिए जीवन रक्षक बनकर सामने आते हैं।
2024 में MRT ने निभाई थी अहम भूमिका
पिछले साल यानी 2024 में भी MRT ने अपनी कार्यकुशलता से हजारों श्रद्धालुओं की जान बचाई थी। लगभग 20 हजार श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन मुहैया कराई गई थी, वहीं बीमार और घायल श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से नजदीकी मेडिकल कैंप तक पहुंचाया गया।
करीब एक दर्जन से ज्यादा रेस्क्यू टीमें यात्रा मार्ग पर सक्रिय थीं और उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी अपनी जिम्मेदारी निभाई थी। इसका अनुभव देखते हुए इस साल टीम की संख्या और उनकी क्षमता दोनों को और अधिक मजबूत किया गया है।
जल्द रवाना होंगी टीमें
जैसे-जैसे अमरनाथ यात्रा की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे ही रेस्क्यू टीमों को जल्द ही रवाना करने की योजना बनाई जा रही है। बालटाल और पहलगाम जैसे प्रमुख यात्रा रूट पर इन टीमों को तैनात किया जाएगा। इन इलाकों में कई स्थानों पर अभी भी बर्फ जमा हुई है, जिससे यात्रा मार्ग जोखिमपूर्ण बना हुआ है।
ऐसे स्थानों पर काम करने के लिए MRT के पास स्पेशल गियर और उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना, ITBP, और अन्य एजेंसियां समन्वय के साथ काम कर रही हैं ताकि यात्रा सुरक्षित और व्यवस्थित हो।
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प्रशासन की तैयारियां जोरों पर
राज्य प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर किसी भी तरह की चूक नहीं करना चाहतीं। हेलीकॉप्टर सेवाओं, मेडिकल सुविधाओं, मोबाइल एम्बुलेंस, और मौसम अपडेट जैसी सेवाओं को भी बेहतर बनाया जा रहा है। इसके अलावा CCTV कैमरे, ड्रोन निगरानी, और रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं ताकि यात्रा मार्ग की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा सके।
श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान मौसम से जुड़ी जानकारी, हेल्थ टिप्स, और आपातकालीन नंबरों की जानकारी SMS और मोबाइल ऐप के ज़रिए भी दी जाएगी।
निष्कर्ष
अमरनाथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक मानवीय साहस और व्यवस्था की परीक्षा भी है। इस बार प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि हर श्रद्धालु सुरक्षित रूप से बाबा बर्फानी के दर्शन कर सके। माउंटेनियरिंग रेस्क्यू टीम की तैयारी और उनकी भूमिका को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि 2025 की अमरनाथ यात्रा अब और अधिक सुरक्षित, संगठित और भरोसेमंद होगी।