गुरुवार को लोकसभा में आव्रजन और विदेशी विधेयक 2025 पारित हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को देश की सुरक्षा के लिए बेहद आवश्यक बताया, जबकि कुछ विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। इस विधेयक के तहत 7 वर्ष की कारावास और 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इस कानून का उद्देश्य भारत में आव्रजन नियमों को आधुनिक और मजबूत बनाना है। आइए जानते हैं इस विधेयक के मुख्य प्रावधानों और इसके प्रभाव के बारे में।
गृह मंत्री अमित शाह का बयान
गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि "भारत कोई धर्मशाला नहीं है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि जो लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं, उन्हें देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग भारत के विकास में योगदान देने के लिए आते हैं, उनका स्वागत किया जाएगा। शाह ने कहा कि "चाहे रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी, अगर वे भारत में अशांति फैलाने के उद्देश्य से आएंगे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।" उन्होंने यह भी बताया कि यह विधेयक भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और अवैध प्रवासियों पर कड़ा नियंत्रण स्थापित करने के लिए लाया गया है।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
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कठोर दंड: नियमों का उल्लंघन करने पर 7 साल की कैद और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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पासपोर्ट और यात्रा दस्तावेज अनिवार्य: भारत में प्रवेश करने और बाहर जाने के लिए पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेजों की अनिवार्यता तय की गई है।
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वीज़ा और पंजीकरण प्रक्रियाएं: विदेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश और निवास के लिए नई वीज़ा और पंजीकरण प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।
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केंद्र सरकार को अधिक अधिकार: यह विधेयक केंद्र सरकार को विदेशियों के मामलों को नियंत्रित करने के लिए अधिक अधिकार प्रदान करेगा।
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रजिस्ट्रेशन और प्रतिबंधित क्षेत्र: सभी विदेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश के समय पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
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अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई: भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा माने जाने वाले किसी भी विदेशी नागरिक को देश में प्रवेश और निवास की अनुमति नहीं दी जाएगी।
विपक्ष का विरोध और आलोचना
विपक्षी दलों ने इस विधेयक को संविधान के मूल अधिकारों का उल्लंघन बताया और इसे संसद की स्थायी समिति को भेजने की मांग की। कई विपक्षी नेताओं ने कहा कि यह विधेयक कानूनी स्थिति साबित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार के बजाय नागरिकों पर डालता है, जिससे नागरिकों के अधिकारों का हनन हो सकता है। इसके अलावा, विपक्ष ने यह भी सवाल उठाया कि क्या यह कानून शरणार्थियों और अन्य कानूनी रूप से भारत में रहने वाले विदेशियों पर भी असर डालेगा।
सरकार का जवाब
सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह विधेयक केवल अवैध प्रवासियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बने व्यक्तियों को नियंत्रित करने के लिए लाया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "भारत की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और इस विधेयक से अवैध घुसपैठियों पर रोक लगेगी।" उन्होंने यह भी कहा कि इससे विदेशियों के पंजीकरण और उनके वीज़ा संबंधी नियमों को अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा।
निष्कर्ष
आव्रजन और विदेशी विधेयक 2025 का उद्देश्य भारत की सुरक्षा को सुदृढ़ करना और अवैध प्रवासियों को नियंत्रित करना है। हालाँकि, इस विधेयक को लेकर राजनीतिक गलियारों में गर्म बहस जारी है। सरकार का दावा है कि यह विधेयक राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है, जबकि विपक्ष इसे नागरिक अधिकारों के खिलाफ बता रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विधेयक के लागू होने के बाद आव्रजन नियमों में किस प्रकार का बदलाव आता है और इसका भारत की सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ता है।