जयपुर न्यूज डेस्क: केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले पायलट और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान का अंतिम संस्कार जयपुर के चांदपोल मोक्षधाम में किया गया। यह हादसा 15 जून को हुआ था, जिसमें राजवीर समेत कुल सात लोगों की मौत हो गई थी। उनका पार्थिव शरीर सोमवार देर रात जयपुर लाया गया। मंगलवार सुबह जब उनका शव घर पहुंचा तो पूरे परिवार में मातम छा गया।
छोटे बेटे की मौत से माता-पिता बेसुध हो गए। दुख इतना गहरा था कि वे सिर्फ एक ही बात दोहरा रहे थे — "हमारा सब कुछ चला गया।" हादसे में राजवीर का शव बुरी तरह जल गया था, जिस कारण परिवार उनके चेहरे के आखिरी दर्शन भी नहीं कर सका।
राजवीर की पत्नी दीपिका खुद भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। जब अंतिम यात्रा निकली, तो वे आर्मी की यूनिफॉर्म में शामिल हुईं और पति की तस्वीर लेकर पूरे रास्ते साथ रहीं। मोक्षधाम में उन्होंने नम आंखों से पति को सैल्यूट कर आखिरी विदाई दी। ‘राजवीर अमर रहें’ के नारों से अंतिम यात्रा गूंजती रही। सेना के कई अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी, वहीं भतीजे ने सुबह 10:30 बजे मुखाग्नि दी।
राजवीर सिंह सेना से रिटायरमेंट के बाद एक प्राइवेट एविएशन कंपनी में हेलिकॉप्टर उड़ा रहे थे। हादसे वाले दिन वे सबसे आगे चल रहे हेलिकॉप्टर के पायलट थे। उनके भाई चंद्रवीर ने बताया कि राजवीर ने पीछे चल रहे हेलिकॉप्टर के पायलट को मौसम खराब होने की सूचना भी दी थी। लेकिन सुबह करीब 5:20 बजे उनका हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सभी सवार लोगों की मौत हो गई। दुख की बात यह भी है कि राजवीर हाल ही में जुड़वां बेटों के पिता बने थे।