जयपुर न्यूज डेस्क: राजधानी जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े सभी अस्पतालों में आज रात से मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। हड़ताल पर चल रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स ने आज रात आठ बजे से इमरजेंसी सेवाओं सहित पूर्ण कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। इसके चलते जयपुर के सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की स्थिति और बिगड़ने का डर है। दो दिन पहले, रेजिडेंट डॉक्टर्स ने सरकार के साथ बातचीत के बाद कार्य बहिष्कार को 20 अक्टूबर तक स्थगित करने का फैसला किया था।
राजधानी जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े सभी अस्पतालों में आज रात से मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। हड़ताल पर चल रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स ने आज रात आठ बजे से इमरजेंसी सेवाओं सहित पूर्ण कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। इसके चलते जयपुर के सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की स्थिति और बिगड़ने का डर है। दो दिन पहले, रेजिडेंट डॉक्टर्स ने सरकार के साथ बातचीत के बाद कार्य बहिष्कार को 20 अक्टूबर तक स्थगित करने का फैसला किया था।
जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) के अध्यक्ष डॉ. मनोहर सियोल ने शनिवार को बताया कि चिकित्सा मंत्री के साथ बैठक में आश्वासन मिलने के बाद 17 अक्टूबर को पूर्ण कार्य बहिष्कार को स्थगित किया गया था। हालांकि, इसके बाद से कोई भी बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा मंत्री ने उनकी मांगों पर विचार करने के लिए दो दिन का समय मांगा था, जो आज रात आठ बजे समाप्त हो रहा है। यदि आज रात आठ बजे तक रेजिडेंट्स की मांगें नहीं मानी गईं, तो वे पूर्ण कार्य बहिष्कार की ओर बढ़ेंगे।
रेजिडेंट डॉक्टर्स के अल्टीमेटम के बाद मरीजों की मुश्किलें फिर से बढ़ने की आशंका है। यदि रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर चले जाते हैं, तो एसएमएस अस्पताल की ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। इस बीच, प्रदेशभर में मौसमी बीमारियों का प्रकोप जारी है, खासकर जयपुर और उदयपुर में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसे में, रेजिडेंट डॉक्टर्स के संपूर्ण कार्य बहिष्कार से मरीजों की परेशानियों में भारी इजाफा होना लगभग तय माना जा रहा है।
गौरतलब है कि जयपुर सहित प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी पुरानी मांगों और समझौतों को लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। अब तक उन्होंने इमरजेंसी सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा था, लेकिन हालिया अल्टीमेटम के तहत इमरजेंसी सेवाएं भी हड़ताल में शामिल हो जाएंगी। इसके अलावा, रेजिडेंट डॉक्टर्स की इस हड़ताल के कारण एसएमएस अस्पताल में निर्धारित ऑपरेशनों के टलने की भी संभावना बढ़ गई है।