जयपुर न्यूज डेस्क: जयपुर नगर निगम हेरिटेज की महापौर मुनेश गुर्जर के खिलाफ एसीबी ने आज, 19 सितंबर को कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है। कुल 2502 पेज की इस चार्जशीट के साथ महापौर को भी कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था। एसीबी ने उन्हें कोर्ट में उपस्थित होने के लिए नोटिस भी भेजा था, लेकिन महापौर नोटिस के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं हुईं। मुनेश गुर्जर के वकील दीपक चौहान ने कहा कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति खराब है, और वे कमर दर्द से पीड़ित हैं। वकील ने इस बात की पुष्टि करने वाले चिकित्सा दस्तावेज भी कोर्ट में प्रस्तुत किए।
एडवोकेट दीपक चौहान ने बताया कि मुनेश गुर्जर की तबीयत खराब है और वे दिल्ली के एक प्रमुख अस्पताल में इलाज करा रही हैं। डॉक्टरों ने उन्हें सात दिन का बेड रेस्ट बताया है। चौहान ने मेडिकल सर्टिफिकेट पेश करते हुए कहा कि तबीयत में सुधार होने तक मुनेश कोर्ट में हाजिर नहीं हो सकतीं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुनेश पर लगाए गए सभी आरोप निराधार और तथ्यहीन हैं। एसीबी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में कोई ठोस सबूत नहीं है; न तो रिश्वत मांगने के प्रमाण मिले हैं और न ही कोई रिकवरी हुई है। ऐसे में इन आरोपों को राजनैतिक द्वेष के रूप में देखा जा रहा है।
महापौर मुनेश गुर्जर को पिछले 10 दिनों में कुल तीन नोटिस प्राप्त हुए हैं। पहला नोटिस 12 सितंबर को स्वायत्त शासन विभाग (डीएलबी) ने जारी किया था, जिसमें आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा गया था। डीएलबी ने तीन दिनों में जवाब देने की समयसीमा निर्धारित की, लेकिन मुनेश ने इसका कोई उत्तर नहीं दिया। इसके बाद 13 सितंबर को एसीबी ने नोटिस जारी किया, जिसमें उन्हें 19 सितंबर को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया। इसके बाद 17 सितंबर को डीएलबी ने एक और नोटिस जारी किया, जिसमें मुनेश से तीन दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया।
पिछले साल 4 अगस्त 2023 को एसीबी की टीम ने महापौर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर और उनके दो सहयोगियों को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। सुशील ने पट्टा जारी करने के बदले में रिश्वत ली थी। एसीबी ने सुशील और मुनेश के घर पर छापा मारकर 41 लाख रुपये नकद और पट्टे से संबंधित कई फाइलें बरामद की थीं। ये फाइलें महापौर के कार्यालय में होनी चाहिए थीं, लेकिन वे उनके घर पर मिलीं। जांच के बाद एसीबी ने महापौर को भी भ्रष्टाचार और रिश्वत के मामले में संलिप्त पाया। पहले की कांग्रेस सरकार ने मुनेश के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति नहीं दी थी, लेकिन हाल ही में भजनलाल सरकार ने कोर्ट के निर्देश पर अभियोजन स्वीकृति प्रदान की, जिसके बाद कोर्ट ने मुनेश को आरोपी मानते हुए चार्जशीट पेश की।