जयपुर न्यूज डेस्क: राजस्थान के रंगीन शहर जयपुर में कला और संस्कृति का एक अनमोल खजाना है - गणेश म्यूजियम (Gemstone Ganesh Museum)। पुरानी हवेली में स्थित यह म्यूजियम गणेश जी की अद्भुत और दुर्लभ मूर्तियों का खास संग्रह प्रस्तुत करता है। ये मूर्तियां न केवल प्राचीन भारतीय कला की शानदार मिसाल हैं, बल्कि राजस्थानी कारीगरों की अद्वितीय प्रतिभा को भी उजागर करती हैं।
जयपुर के हवा महल रोड पर स्थित रत्न गणेश संग्रहालय लगभग 250 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक हवेली में बना हुआ है। 2016 में स्थापित इस संग्रहालय में गणेश जी की अनूठी मूर्तियों का संग्रह है। हवेली की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि इस संग्रहालय को और भी खास बनाती है, जहां कला प्रेमी गणेश जी की मूर्तियों के साथ-साथ एक ऐतिहासिक इमारत का भी आनंद ले सकते हैं।
गणेश जी की अनोखी मूर्तियों के साथ-साथ इस हवेली की सुंदरता भी ध्यान खींचती है। राजपूत काल की इस ऐतिहासिक हवेली को अब एक कला केंद्र में बदल दिया गया है। हवेली की दीवारों पर बने भित्तिचित्र राजस्थानी कला का बेहतरीन उदाहरण हैं, जो पारंपरिक तकनीकों से तैयार किए गए हैं। संग्रहालय में पन्ना और नीलम से बनी पंचमुखी गणेश की मूर्ति खास आकर्षण की बात है, वहीं त्रिनेत्र गणेश की मूर्ति भी दर्शकों को प्रभावित करती है। हवेली में दो आर्ट गैलरी भी हैं, जहां गणेश जी से जुड़ी पौराणिक कहानियों पर आधारित चित्र और कलाकृतियां देखी जा सकती हैं।