नाथूसर गांव के विस्थापन में फर्जीवाड़ा, आरटीआई से हुआ खुलासा

Photo Source : ZeeNews

Posted On:Saturday, September 21, 2024


जयपुर न्यूज डेस्क: सरिस्का बाघ अभ्यारण्य की सुरक्षा के लिए गांवों के विस्थापन के पैकेज में एक नया फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, 13 गैर-स्थानीय व्यक्तियों को बिना उचित प्रक्रिया के 15-15 लाख रुपये का मुआवजा मिल गया। ग्रामीणों ने सीसीएल संग्राम सिंह से इसकी शिकायत की थी, जिन्होंने मामले की जांच कराने का वादा किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।

आरटीआई कार्यकर्ता अशोक कुमार ने रामपुर ग्राम पंचायत के गांव गुढा से एक आरटीआई दाखिल की, जिसमें यह खुलासा हुआ कि कल्याणपुरा ग्राम पंचायत के नाथूसर गांव के ग्रामीणों के विस्थापन के तहत दो प्रकार के पैकेज दिए गए थे। पहले पैकेज में 15 लाख रुपये नकद थे, और दूसरे पैकेज में 6 बीघा जमीन, 3.75 लाख रुपये नकद, और 600 वर्ग गज का प्लॉट शामिल था। हालांकि, एक बड़ा मुद्दा यह सामने आया कि इस पैकेज का लाभ लेने वाले लोग वास्तव में दूसरे गांवों के थे, जो कि नियमों के खिलाफ है।

इस खुलासे के फायदे यह हो सकते हैं कि इससे फर्जीवाड़े की जड़ तक पहुंचने में मदद मिलेगी, और जो लोग इस प्रकार से गलत तरीके से लाभ उठा रहे हैं, उन पर कार्रवाई हो सकेगी। इसके साथ ही, विस्थापन योजना में पारदर्शिता बढ़ेगी और सही लोगों को लाभ मिलने की संभावना बढ़ेगी।

हालांकि, इसका एक नकारात्मक पहलू यह भी हो सकता है कि यह खुलासा ग्रामीणों में अविश्वास और असंतोष को बढ़ा सकता है। अगर जांच प्रक्रिया में देरी होती है या दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, तो इससे पूरे विस्थापन कार्यक्रम पर प्रश्नचिह्न लग सकता है।


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