जयपुर न्यूज डेस्क: जयपुर पुलिस ने राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष निर्मल चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई 2022 में गांधी नगर थाने में दर्ज एक पुराने केस के तहत की गई है, जिसमें उनके ऊपर गैरकानूनी तरीके से भीड़ इकट्ठा करने और सड़क जाम करने का आरोप था। पुलिस उपायुक्त (पूर्व) तेजस्वनी गौतम ने बताया कि जांच अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर चौधरी को शनिवार सुबह विश्वविद्यालय परिसर से हिरासत में लिया गया, जहां वे परीक्षा देने पहुंचे थे।
पुलिस का कहना है कि 2022 के इस मामले में निर्मल पर तत्कालीन थानाधिकारी से बदसलूकी करने का भी आरोप है। गिरफ्तारी के वक्त यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और संगरिया से विधायक अभिमन्यु पूनिया भी चौधरी के साथ विश्वविद्यालय परिसर में मौजूद थे, जिन्हें पुलिस थाने भी ले गई, हालांकि पूनिया को हिरासत में नहीं लिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि परीक्षा देते वक्त किसी जनप्रतिनिधि को हिरासत में लेना अन्यायपूर्ण है और राज्य सरकार को तुरंत उन्हें रिहा करना चाहिए। गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने पहले डॉक्टर राकेश विश्नोई के परिजनों की बात नहीं सुनी और बाद में जनहित में आवाज उठाने वालों पर मुकदमा दर्ज कर लिया।
दरअसल, मामला डॉक्टर राकेश चौधरी की आत्महत्या से जुड़ा है। जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टर राकेश ने जहर खाकर जान दे दी थी। इलाज के दौरान उनकी मौत जयपुर के एसएमएस अस्पताल में हो गई थी। इसके बाद निर्मल चौधरी, अभिमन्यु पूनिया और अन्य नेताओं ने मृतक के परिजनों के साथ मोर्चरी के बाहर धरना दिया और वरिष्ठ डॉक्टर पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की। इसी दौरान चौधरी की एक पुलिस अधिकारी से कहासुनी हो गई थी, जिसके बाद अब उनकी गिरफ्तारी हुई है।